सुजालपुर शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव की बयार शाजापुर जिले की धरती से प्रदेश और देश में बहेगी। उक्त उद्गार प्रदेश के स्कूल शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार) एवं सामान्य प्रशासन राज्यमंत्री श्री Inder Singh Parmar ने आज जिले के शुजालपुर मण्डी के शारदा उत्कृष्ट उमावि में बसंत पंचमी के अवसर पर विद्यालय दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में व्यक्त किये। समारोह में विद्यालय के पूर्व विद्यार्थियों का सम्मान भी किया गया।
शुजालपुर मण्डी के इस विद्यालय से आज राज्यमंत्री श्री परमार की पहल पर अनूठे एवं अनुकरणीय अभियान “अपना विद्यालय-अपना कोष” की शुरूआत हुई। शिक्षण संस्थाओं के प्रति लोगों में अपनत्व की भावना पैदा करने के लिए यह अभियान पूरे प्रदेश में चलाया जायेगा। लोग विद्यालयों को सरकारी विद्यालय है, ऐसा नहीं कहेंगे, बल्कि यह हमारा अपना विद्यालय है यह कहेंगे। समाज की भागीदारी से विकास होगा। विद्यालय के लिए हम भी कुछ करेंगे लोगों में उत्साह पैदा होगा। इस अनुपम प्रयोग की शुरूआत शुजालपुर मंडी के इस विद्यालय से करते हुए राज्यमंत्री श्री परमार ने कहा कि विद्यालय के सर्वांगिण विकास के लिए हम सभी शुजालपुर नगर के लोगों के आगे झोली फैलाकर अनुरोध करेंगे कि वे अपनी सामर्थ्य अनुसार संस्था के विकास के लिए दान करें। उन्होंने कहा कि शुजालपुर के निवासी जनभागीदारी में सर्वथा आगे रहते हैं। इसका उदाहरण विगत वर्ष कोरोना महामारी के दौरान देखने को मिला है। जब कोविड केयर सेंटर शुरू किया था, तो ऐसा लग रहा था कि इसकी व्यवस्था कैसे होगी। यहां के नागरिकों ने भरपूर सहयोग देकर शुजालपुर के कोविड केयर सेंटर के जनभागीदारी से संचालन में प्रदेश में अपनी पहचान बनाई है। उन्होंने कहा कि यह विद्यालय अपनी श्रेष्ठता को साबित करेगा और प्रदेश में उदाहरण बनकर अपनी पहचान बनाएगा। आज बसंत पंचमी पर इसकी शुरूआत हो रही है। विद्यालय के लिए राज्यमंत्री श्री परमार ने अपनी ओर से 5 लाख रूपये देने की घोषणा भी की।
इस अवसर पर उन्होंने संबोधित करते हुए कहा कि अंग्रेजों ने हमारे देश के इतिहास और शिक्षा पद्धति को तहस-नहस कर दिया है। भारत जो कभी संपन्न होकर विश्व गुरू था। यहां शिक्षा ग्रहण करने देश-विदेश से विद्यार्थी आते थे, उसे अंग्रेजों ने अनपढ़ों, भूखमरी, गरीबी, सपेरों का देश बताया था। अंग्रेजों ने अपनी शिक्षा नीति शुरू कर इतिहास को छुपा दिया था। उन्होंने कहा कि भारत में पहले ज्ञान की परंपरा थी। यहां गांव-गांव में लगभग 6.50 लाख से अधिक गुरूकुल थे, जिनमें सामाज आधारित भेदभाव रहित शिक्षा दी जाती थी। अंग्रेजों के द्वारा दी गई शिक्षा पद्धति को बदलने के लिए 2 करोड़ से अधिक लोगों के विचारों एवं मंथन के बाद शिक्षा प्रणाली में आमूलचल परिवर्तन कर नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति बनाई गई है। इसमें रोजगारमूलक, समाज आधारित, शिक्षा देने का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि शिक्षा बाजार नहीं है और शिक्षक रोजगार नहीं है। शिक्षक बायचांस नहीं बायच्वाईस होना चाहिये। शिक्षा को बाजार नहीं बनने दिया जायेगा। अच्छी और बेहतर शिक्षा के लिए आधुनिक स्कूल बनाए जायेंगे। प्रदेश में 53 सीएम राईज स्कूल बनाए जा रहे हैं। वही 650 से अधिक विद्यालय भी बना रहे हैं। इन विद्यालयो में रोजगार मूलक अपनी मातृ भाषा में अध्ययन कराया जायेगा।
इस अवसर पर विद्यालय के पूर्व छात्र-छात्राओं का सम्मान किया गया। 1956 में जब यह विद्यालय शुरू हुआ था, तब कक्षा 9वी में प्रवेश लेने वाले श्री बलवंत राव पंवार का सम्मान किया गया। इसी तरह श्री छोटेलाल नेमा, श्री राम परमार, श्री रामचरणलाल श्रीवास्तव, श्री मांगीलाल नालमे, श्री मधुसुदन अम्बारखाने, सुश्री सोनू परमार एवं सुश्री रचना परमार, श्री विजेन्द्र पुष्पद एवं श्री ओपी पाटीदार का सम्मान किया गया। इस मौके पर पूर्व विद्यार्थी श्री पंवार ने संबोधित करते हुए कहा कि 15 वर्ष की उम्र में सन 1956 में उन्होंने इस विद्यालय में प्रवेश लिया था। आज सम्मान पाकर उन्हें कैसा लग रहा है, यह शब्दों में व्यक्त नहीं कर सकते हैं। उन्होंने अपने समय के शिक्षकों एवं सहपाठियों को याद करते हुए बताया कि उनके समय के एक विद्यार्थी जो आज अमेरिका में है, आज भी वे जब शुजालपुर आते हैं तो अपने विद्यालय की मिट्ठी माथे से लगाते हैं। इस अवसर पर श्री राम परमार ने संबोधित करते हुए बताया कि उन्हें गर्व है कि उनकी माता जी ने इस विद्यालय के निर्माण के दौरान मजदूरी का कार्य किया था। उन्होंने बताया कि बाद वे इस विद्यालय में शिक्षक के रूप में पदस्थ हुए। इस अवसर पर श्री आलोक श्रीवास्तव ने भी संबोधित किया। विद्यालय की शिक्षिकाओं ने सरस्वती वंदना, स्वागत गीत और राष्ट्रगीत वन्देमातरम् गाया। इस मौके पर इस विद्यालय के पूर्व छात्र श्री ओपी पाटीदार जो वर्तमान में शाजापुर उत्कृष्ट विद्यालय में शिक्षक हैं कि लिखित पुस्तक प्रयास एक पहल का विमोचन भी किया गया।
समारोह में जिला शिक्षा अधिकारी श्री अभिलाष चतुर्वेदी, जिला शिक्षा केन्द्र परियोजना समन्वयक श्री राजेन्द्र शिप्रे, श्री विजय बेस, श्री रामचंद्र परमार, विद्यालय के प्राचार्य श्री एनडी गुप्ता भी उपस्थित थे। समारोह के दौरान श्री दिनेश राय ने अतिथि परिचय दिया। कार्यक्रम का संचालन शिक्षक श्री अनिल विजयवर्गीय ने किया और उपस्थित जनों के प्रति प्राचार्य श्री एनडी गुप्ता ने आभार व्यक्त किया।
पूर्व शिक्षकों को श्रद्धांजलि अर्पित
विद्यालय के पूर्व शिक्षकों जिन्होंने छात्रों पर अपनी अमिट छाप छोड़ी थी। विगत वर्षों में दिवंगत हो गए, ऐसे शिक्षक श्री सीसी आपटे, श्री डीसी गुप्ता, श्री फालके, श्री आरपी वाजपेयी को याद करते हुए उन्हें 2 मिनिट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की।