सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए कभी पत्रकारों पर तो कभी सनातन धर्म प्रेमियों पर अशोभनीय टीका टिप्पणी कर रहे महाराज

मध्य प्रदेश सीहोर एक दशक पहले मध्य प्रदेश के सीहोर में लोगों के घरों से दान धर्म का आटा दाल एकत्रित करने वाला आज शिव पुराण कथा का वाचन कर कुबेर धाम जैसे धार्मिक स्थान को करोड़ों रुपए खर्च कर बनाने वाले कथाकार प्रदीप मिश्रा आम जनता को आस्था के नाम पर खुलेआम लूट रहे हैं। शिव पुराण के जिन तथ्यों को अपनी कथा में यह लोभी पंडित श्रद्धालुओं के बीच परोसते हैं यह सभी रहस्य शिव पुराण में मौजूद हैं। फिर भी उन रहस्यों को जनता तक इन्होंने पहुंचा कर स्वयं को मशहूर कर खुद की इतनी आर्थिक उन्नति कर ली की अब इनके शरीर पर स्वर्ण आभूषण देखने को मिलते हैं जबकि इन महाराज के द्वारा जब अपनी कथा को आरंभ किया गया था कुछ वर्षों पहले उस समय के वीडियो इनके द्वारा यूट्यूब सोशल मीडिया पर वायरल किए गए थे तब इनके कपड़े भी सामान्य जन जैसे हुआ करते थे लेकिन अब पूरी तरह से आडंबर और ऐश्वर्य भोग विलासिता के साथ महाराज अपने श्रद्धालुओं के बीच कथा करने पहुंचते हैं। और कहते हैं। कि मेरे पास कुछ नहीं मैं तो आप जैसा एक आम नागरिक हूं इनके प्रवचन के पहले नियमित इनके शिष्य द्वारा करीब 45 मिनट तक जो नियमित दान आ रहा है। वह दान की लिस्ट वहां पर प्रेषित की जाती है। उस दान की छोटी राशि जोकि अधिकतम ₹100000 के अंदर होती है उसे कथा के मंच से जग जाहिर किया जाता है जबकि उससे बड़ी राशि के गुप्त दान को महाराज गुप्त रख लेते हैं। लेकिन जो श्रद्धालु एक लाख से ऊपर दान कर रहे हैं। जबकि महाराज को गुप्त दान में प्राप्त धन को भी जग जाहिर करना चाहिए परंतु महाराज की यहां पर मंच का यह होती है कि वह श्रद्धालुओं को दान धर्म का पाठ पढ़ा कर दोनों हाथों से धन बटोर सके कुल मिलाकर इन्होंने शिव महापुराण को अपनी कमाई का साधन बना लिया है। क्योंकि शिव महापुराण कथा सुना कर महाराज प्रसिद्धि पा चुके हैं। और अब उनकी ख्याति के अनुरूप वह शिव महापुराण संपन्न करने के 15 से 2000000 रुपए ले रहे हैं। यदि वह जनता का उद्धार कर रहे हैं। तो क्या इतनी राशि लेना चाहिए यह आम जनों के लिए प्रश्नवाचक चिन्ह बन चुका है।

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