उज्जैन 30 सितम्बर। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव/न्यायाधीश श्री अरविंद कुमार जैन ने जानकारी दी कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में प्रीलिटिगेशन मीडिएशन का एक मामला कुछ दिनों पहले सामने आया, जिसमें फरियादी किसान श्याम पिता सीताराम निवासी ग्राम चंदेसरा देवास रोड जो कि खेती किसानी एवं बागवानी का कार्य करके अपने परिवार का पालन पोषण करता है। किसान के द्वारा फसल में अच्छी पैदावार हो तथा उसमें कीड़ों का प्रभाव रोकने के लिये अनावेदकगण वोयेज एग्री सोल्युशन प्रा.लि. कंपनी से कीटनाशक दवाईयां क्रय की गई थी।
कंपनी द्वारा आवेदक को निर्मित कीटनाशक एवं इल्ली नाशक दवाईयों का छिड़काव करने पर अच्छी फसल आने का आश्वासन दिया गया था जिस पर विश्वास करते हुये आवेदक ने कंपनी द्वारा निर्मित कीटनाशक दवाईयों का ऑनलाईन ऑर्डर किया था। किसान श्याम ने कंपनी की दवाईयां 2190 रुपये में खरीदी थी, जिसका बिल भी कंपनी के द्वारा आवेदक को दिया गया था। किंतु दवाई के छिड़काव के बाद आवेदक द्वारा बोयी गयी गिलकी, तोरई एवं लौकी की संपूर्ण फसल नष्ट हो गई। इसके बाद आवेदक द्वारा कंपनी के कर्मचारियों एवं सुपरवाइजर से संपर्क करने पर कंपनी द्वारा फसल का निरीक्षण किया गया। आवेदक द्वारा अनावेदकगण को अपने अधिवक्ता के माध्यम से सूचना पत्र भी भेजा गया था और कंपनी में शिकायत भी की गई थी, परंतु कंपनी द्वारा कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया।
इस वजह से आवेदक को यह दावा जिला प्राधिकरण के कार्यालय में दावा प्रस्तुत करना पड़ा। आवेदक द्वारा अपनी समस्या सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री अरविंद कुमार जैन के समक्ष प्रस्तुत कर निवेदन किया कि उसकी भूमि की लीज, फसल का बीज एवं अन्य खर्चे सहित लगभग दो लाख रुपये का नुकसान हुआ है और शारीरिक, मानसिक एवं आर्थिक क्षति हुई है, जिससे आवेदक का परिवार आर्थिक रूप से काफी परेशानी में आ गया है। उक्त हानि बाबत आवेदक क्षतिपूर्ति राशि दिलाये जाने हेतु निवेदन किया गया।
प्रकरण में अनावेदक कंपनी को नोटिस प्राप्त होने पर उनके द्वारा फरियादी कृषक को हुए नुकसान की क्षतिपूर्ति कर दी गयी, जिससे संतुष्ट होकर फरियादी के द्वारा मामले की कार्यवाही समाप्त करा ली गयी। इस प्रकार विधिक सेवा प्राधिकरण में मध्यस्थता कर प्रकरण का निराकरण किया गया।