उज्जैन 30 सितम्बर। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.संजय शर्मा ने बताया कि प्रतिवर्ष एक अक्टूबर को अन्तरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस मनाया जाता है। आज का दिन समाज में बुजुर्गों के योगदान और उनकी बढ़ती उम्र के मुद्दे, चुनौतियों को ध्यान में रखकर जागरूकता फैलाने के लिये मनाया जाता है।
प्रायः किसी भी समय 50 प्रतिशत बुजुर्ग किसी न किसी रोग से ग्रसित होते हैं और सर्वे में पाया गया कि 75 प्रतिशत को तो दो या दो से अधिक बीमारियां हो जाती हैं। वृद्धावस्था में आर्थोराईटिस, हार्ट डिसिज (हृदयरोग), पार्किंसन्स, अल्जाइमर्स, पॉलीमेलगिया रियूमेट्स्जम जैसी बीमारियां देखी जाती हैं। कई बार बुजुर्ग चलने-फिरने में तकलीफ महसूस करते हैं, अचानक गिर पड़ते हैं, याददाश्त कमजोर हो जाती है, बौद्धिक क्षमता में गिरावट आ जाती है। यह सभी समस्याएं अक्सर बढ़ती उम्र में आ जाती हैं। अलग-अलग बीमारियों में उनके निदान के लिये अलग-अलग उपचार की आश्यकता होती है। स्वास्थ्य विभाग का प्रमुख उद्देश्य उनके रोगों का इलाज करना, उन्हें नियंत्रित करना, कार्य करने में उन्हें सक्षम बनाना, जीवन के प्रति सकारात्मकता पैदा करना और उनके दु:खों को कम करना है। प्रायः विभाग पुनर्वास के स्थान पर अपेक्षा करता है कि परिजन ही उनका ध्यान रखें।
वृद्धावस्था में स्वस्थ्य रहने के लिये क्या करें
लगातार पौष्टिक खाना खायें, व्यक्तिगत स्वच्छता का ध्यान रखें, नियमित रूप से शारीरिक व्यायाम करें और टहलें, अच्छी नींद लें, धुम्रपान, अल्कोहल के सेवन से बचें, सामाजिक गतिविधियों में शामिल हों और जीवन में प्राप्त अनुभवों को साझा करें, छड़ी और वॉकर जैसे उपकरणों का प्रयोग करने से न कतरायें, नियमित रूप से ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर और अन्य आवश्यक जांचें करवायें, भूख न लगना, वजन में कमी आना, दिखने में परेशानी आना, शरीर में सुन्नपन महसूस होना, इस प्रकार के संकेतों को अनदेखा न करें, तुरन्त उपचार करायें।