उज्जैन । शहर में बीपीएल राशन कार्ड का भौतिक सत्यापन सर्वे पूरा हो गया है। सर्वे रिपोर्ट में 21218 बीपीएल कार्डधारी फर्जी पाए गए हैं। ऐसे में अब इनसे कार्ड व पात्रता पर्ची जमा करवाए जाएंगे। एक अनुमान है कि ये परिवार हर महीने 1 करोड़ 50 लाख रुपए से अधिक कीमत का राशन कंट्रोल दुकानों से ले रहे थे।

एक साल पहले प्रशासन ने आशंका व शिकायतों के चलते बीपीएल राशन कार्ड की पड़ताल शुरू करवाई थी। इसके लिए शिक्षक, पटवारी, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की टीमें बनाई थी। इन टीमाें को बीपीएल सूची देकर संबंधित परिवार का भौतिक सत्यापन करने को कहा गया था। शुरुआत शहर के वार्ड क्रमांक 49 से की थी। इस एक वार्ड में ही बड़ी संख्या में अपात्र परिवार पाए गए थे। इसके बाद सर्वे को और ज्यादा गंभीरता से लिया लाने लगा। हालांकि बीच में कोरोना महामारी के बढ़ने व लॉकडाउन के चलते सर्वे कार्य रुका व बाधित भी रहा लेकिन स्थिति सामान्य होते ही इसे पुन: शुरू करवाया गया। इस तरह प्रशासन ने विभिन्न चरणों में उक्त सर्वे पूरा करवा लिया है। इसमें 21218 बीपीएल कार्डधारी अपात्र पाए गए हैं।

ऐसे में कलेक्टर आशीष सिंह ने निगमायुक्त को निर्देश दिए हैं कि राजस्व सहित अन्य संबंधित अधिकारियों से समन्वय कर अपात्र पाए गए परिवारों के नाम पात्रता की श्रेणी से विलोपित करवाने की कार्रवाई करें। इसके लिए जोन कार्यालय वार दल गठित किए जाएं।

अपात्र किए गए बीपीएल परिवारों से बीपीएल कार्ड एवं जारी बीपीएल श्रेणी की पात्रता पर्ची जमा करवाई जाए। विधिवत इसका रिकार्ड संधारण करवाया जाए। जिला आर्पूति नियंत्रक एमएल मारू ने बताया कि चिह्नितों में से यदि कोई बीपीएल के अलावा किसी अन्य श्रेणी में सत्यापित होकर लाभ ले रहा है तो वह यथावत रहेगा।

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