उज्जैन देवास गेट पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए दो बिछड़े बच्चों को उनके परिवार से मिला दिया। यह दोनों बच्चे भांग घोटा के पास लावारिस हालत में मिले थे। पुलिस ने अपनी तत्परता और तकनीकी सहायता से इन बच्चों को उनके परिवार से मिलाने में सफलता पाई।
इस मामले में पुलिस ने बताया कि 31 अगस्त 2025 को सूचना मिली थी कि दो बच्चे भांग घोटा के पास लावारिस हालत में खड़े हैं। इस सूचना पर तत्काल कार्रवाई करते हुए थाना प्रभारी अनिला पाराशर के नेतृत्व में टीम गठित की गई। टीम ने बच्चों से पूछताछ की, लेकिन वे अपनी उम्र के हिसाब से कुछ भी बता पाने में असमर्थ थे।
इसके बाद पुलिस ने बच्चों की उम्र और भाषा के आधार पर आसपास के जिलों की जानकारी इकट्ठा की। जब बच्चों को अलीराजपुर जिले की प्रसिद्ध इमारतें दिखाई गईं, तो 9 साल के बच्चे ने चंद्रशेखर आजाद की मूर्ति को पहचान लिया। इससे पुलिस को पता चला कि बच्चा अलीराजपुर जिले का हो सकता है।
इसके बाद पुलिस ने सोशल मीडिया का सहारा लिया और बच्चों की फोटो व वीडियो बनाकर प्रसारित किए। काफी समय बाद सूचना मिली कि बच्चे जोबट के पास ग्राम रंजितगढ़ थाना बोरी के रहने वाले हैं। गांव में फोन के माध्यम से संपर्क कर फोटो दिखाकर तलाश करने पर माता-पिता ने अपने बच्चों को पहचाना।
बाद में थाने पर पिता राकेश और माता मनीषा उपस्थित हुए और दोनों बच्चों को सुरक्षित और सकुशल प्राप्त किया। इस पूरे मामले में देवास गेट पुलिस की टीम ने अपनी मेहनत और लगन से बच्चों को उनके परिवार से मिलाने में सफलता पाई।
इस मामले में पुलिस की तत्परता और तकनीकी सहायता की काफी प्रशंसा हो रही है। लोगों का कहना है कि पुलिस ने अपनी जिम्मेदारी का पालन करते हुए दो बच्चों को उनके परिवार से मिला दिया। यह पुलिस विभाग की एक बड़ी उपलब्धि है और इससे लोगों का पुलिस पर विश्वास और बढ़ेगा।









