उज्जैन: एक लंबे और संघर्षपूर्ण कानूनी लड़ाई के बाद, पूजा और अविनाश का तलाक हो गया है। यह फैसला अतिरिक्त प्रधान न्यायाधीश संजीव कुमार गुप्ता ने सुनाया है।
इस मामले में अविनाश के पिता श्याम जोशी ने धारा 13 ए (1) के तहत तलाक के लिए केस दायर किया था। पूजा ने भी अविनाश और उनके परिवार के खिलाफ कई झूठे और फर्जी केस लगाए थे, जिनमें धारा 125 और धारा 498 के केस शामिल थे।
तीन साल के ट्रायल के बाद, अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि अविनाश ने विवाह विच्छेद के लिए क्रुरता का आधार प्रमाणित करने में सफलता प्राप्त की है। इसलिए, अविनाश को हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 13 ए के प्रावधानों के अनुसार विवाह विच्छेद की डिग्री पाने का अधिकार है।
इस मामले में अविनाश की तरफ से हाई कोर्ट एडवोकेट प्रेमचंद गुप्ता ने पैरवी की थी। यह फैसला न केवल अविनाश और उनके परिवार के लिए एक बड़ी राहत है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि सत्य और न्याय की जीत होती है।









