भारतीय दंड विधान की धारा 420 है ठग कासलीवाल की पसंदीदा धारा

चिमनगंज का फरार 420 जीवाजीगंज में भी 420 ही है

चिमनगंज और जीवाजीगंज के प्रकरणों में आश्चर्यजनक समानता

दोनों में भादवि की धारा 467, 468 नहीं जोड़ी गई

उज्जैन अवंतिका के युवराज। आम तौर पर हर इंसान की खान-पान, रहन-सहन कपड़े आदि को लेकर अलग-अलग पसंद होती है लेकिन उज्जैन में एक शख्स ऐसा है जिसे भारतीय दंड विधान की धारा 420 सबसे ज्यादा पसंद है और इससे वह कई बार नवाजा चुका है। जी हां हम बात कर रहे है कि 18 मई 2023 को पुलिस थाना चिमनगंज मंडी उज्जैन में पराग धनगर की शिकायत पर भादवि की धारा 420 के तहत दर्ज प्रकरण के आरोपी अश्विन कासलीवाल की।

जीवाजीगंज का 420 कासलीवाल, जमानत पर है लायन्स क्लब का भावी अध्यक्ष

16 फरवरी 2021 को पुलिस थाना जीवाजीगंज उज्जैन में भादवि की धारा 420, 406, 34 के तहत दर्ज एफआईआर कमांक 75 में अश्विन कासलीवाल आरोपी है। 12 जुलाई 2023 को लायन्स क्लब के अध्यक्ष की शपथ लेने जा रहा यह भू माफिया अभी जमानत पर है। वर्तमान में मामला माननीय न्यायालय में विचाराधीन है।

अश्विन के मुगालते से गड़े मुर्दे उखड़ने लगे

अश्विन ने कलमकार के खिलाफ मानहानि का वाद प्रस्तुत कर उसका कच्चा चिट्ठा खोलने की कवायद करवा दी है। अश्विन की कारगुजारियों की जानकारी अवंतिका के युवराज की कलम से जन-जन तक पहुंचने लगी है और थाना जीवाजीगंज उज्जैन की एफआईआर क.75 दि.16.02.2021 के फरियादी निलेश बिलोदिया ने अवंतिका के युवराज से सम्पर्क कर एफआईआर उपलब्ध कराई है। याने साफ है कि अब शहरवासी अश्विन के खिलाफ एकजुट होने लगे है। कुछ पीड़ित सामने आए है और कुछ अब भी इसके गुर्गों, दलालों, बदमाश कम्पनी के डर से अश्विन की गिरफ्तारी का इंतजार कर रहे है।

प्रकरणों में समानता

चिमनगंज का फरार 420 अश्विन कासलीवाल जीवाजीगंज थाने का भी 420 हैं। यह तो पुष्टि हो गई इस भू माफिया की न्यायालय में पेशी होने पर 420, अवैध कालोनी के प्रकरणों की एफआईआर पेश होने पर ये अश्विन खुद को कोसेगा कि आखिर मैंने कलम को चुनौती क्यों दी?

लेकिन पराग धनगर और निलेश बिलोदिया के प्रकरणों में एक समानता जरूर मिली है। निलेश के प्रकरण में काफी प्रयास के बावजूद पुलिस जीवाजीगंज ने भादवि की धारा 467, 468 नहीं जोड़ी और कमोबेश यही हालात पराग धनगर की एफआईआर में है। याने ये तो साफ है कि भू माफिया अश्विन की जड़े पुलिस में बहुत मजबूत है। याने पुलिस 420 से अश्विन को नवाज़ती जरूर है लेकिन 467, 468 लगाते समय अश्विन के प्रति पुलिसिया सहानुभूति शंका जरूर पैदा कर देती है।

लेकिन बकरे की अम्मा कब तक खैर मनायेगी…… पुलिस में न सही……. न्यायालय में तो 467, 468 लग जायेगी और फिर शायद यह फरार अश्विन भगवान श्रीकृष्ण की जन्मस्थली में रहने का लाभार्थी जरूर बन सकता है।
क्या करें आदतन बदमाश तो आदतन बदमाश ही होता है वह कभी भी अपराध को मिच्छामी दुक्कड़म नहीं बोलता और लेकिन कभी तो 420 अश्विन के पाप का घड़ा भरायेगा और पीड़ितों को न्याय मिल पायेगा ।

दुःख की बात है कि जिन्हें सम्माननीय माना था वे भी खुजलीवाल के एजेंट निकले। कौम का सदर ही एजेंट निकला तो बाकी का क्या कहना ?

वर्शन

निलेश बिलोदिया मैंने काफी अथक प्रयास कर 420, 406 का प्रकरण दर्ज कराया है लेकिन 467, 468 अब भी नहीं जुड़ी है। लेकिन मुझे न्यायालय पर पूरा भरोसा है और इस कासलीवाल की सच्चाई सबके सामने आना चाहिए। ये वो हस्ती है जिन पर 420 की धारा भी सस्ती है।

पराग धनगर – एफआईआर के 53 दिनों बाद भी अश्विन की गिरफ्तारी नहीं होने से मेरा हौंसला नहीं टूटा है। बल्कि मजबूत हुआ है। 420 अश्विन जान ले कि पराग वो शख्स है जो न तो डरेगा, न ही बिकेगा। लेकिन ये जरूर अहसास कराकर रहेगा कि हारता हमेशा हरा… है ।

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