परिजनों ने जताई हत्या की आशंका, परिजनों की शक की सुई एक युवक-युवती पर
उज्जैन अवंतिका के युवराज संतोष पिता प्रेम यादव निवासी कमला नेहरू नगर उज्जैन की लाश क्षिप्रा नदी में तैरती हुई सोमवार को मिली। 2-3 दिन पूर्व त्रिवेणी के श्मशान घाट के समीप क्षिप्रा नदी में संतोष के डूबने की खबर सामने आई थी। 2-3 दिनों की मशक्कत के बाद सोमवार को संतोष का शव बरामद हुआ। जिसे लेकर अलग-अलग कयास लगाये जा रहे है। कोई इसे आत्महत्या, तो कोई हत्या बोल रहा है। लेकिन परिजनों की माने तो यह घटना हत्या की होने की संभावना काफी अधिक है। इसके पीछे एक पूरा घटनाक्रम है।
पुलिस ने संतोष को 2 दिन तक बिठाया था, ये ही शक की सुई
पुलिस नीलगंगा ने 2 दिन तक संतोष को चोरी के एक मामले में थाने पर बिठाये रखा था। अंततोगत्वा संतोष की लाश ही मिली। लेकिन परिजनों व सूत्रों के अनुसार शनिवार को घाट पर अकेला नहीं था कि वह अकेला बैठा था और उसने आत्महत्या कर ली। बल्कि घाट पर संतोष के साथ उसका एक परिचित युवक और एक युवती के बैठे होने की भी जानकारी सामने आ रही है।
संतोष नदी में पहुंचा कैसे यह नहीं तो नहीं चला, लेकिन सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार संतोष को नदी में डूबता देख उसे बचाने की पहल करने वाले वहां मौजूद लोगों को साथी युवक ने यह कहकर रोक दिया कि संतोष तैरना जानता है। लेकिन संतोष नहीं जानता था कि उसकी मौत की स्क्रिप्ट उसका साथी युवक ही लिख रहा है। कुछ देर बाद इस युवक ने कपड़े बदलकर मौके पर आकर भी संतोष के बारे में जानकार ली, जो कि बहुत कुछ बयां करता है। लगता है कि यह युवक संतोष की लाश ही देखने आया था। युवती के बारे में अब तक कोई जानकारी नहीं मिल सकी है लेकिन उक्त साथी युवक को युवती के बारे में अवश्य जानकारी हो सकती है और ये युवक-युवती पुलिस नीलगंगा के चोरी केस से संबंधित किरदार हो सकते है और शायद यही चोरी का केस संतोष की मौत की वजह भी हो सकता है।
सच तो पुलिस की जांच में सामने आयेगा, लेकिन चोरी के केस के बाद, अचानक से संतोष की मौत की घटना कई सवालों को जन्म दे रही है। लेकिन शुरूआती पहलुओं के अनुसार ये मौत, आत्महत्या तो नहीं लगती, शायद पूरा सच पुलिस ही सामने ला सकेगी। हम तो क्लू दे सकते है लेकिन घाट पर संबंधित, संभावित युवक-युवती की मौजूदगी पुलिस नीलगंगा की इस क्वेरी को बहुत जल्दी सॉल्व कर सकते है।