कायमी के बाद गिरफ्तारी के लिये फिर होगी पुलिस कप्तान की दस्तक

अग्रिम जमानत के लिये पुलिस चिमनगंज ने आरोपी को दिया खुला

अक्सर

उज्जैन अवंतिका के युवराज। शहर की पुलिस चिमनगंज मंडी बीते कुछ समय से काफी सुर्खियों में है। पुलिस चिमनगंज के खास रहे आसिफ पेंटर की मौत की गुत्थी अब तक पूरी तरह सुलझी नहीं और 84 दिनों से न्याय व कायमी के लिये जूझ रहे पराग धनगर की शिकायतों को पुलिस चिमनगंज घोलकर पी गई। भला हो पुलिस कप्तान सचिन शर्मा का। जिनके निर्देश के बाद बमुश्किल भादवि की धारा 420 के तहत आरोपी अश्विन कासलीवाल के खिलाफ एफआईआर हुई। लेकिन क्या पुलिस चिमनगंज की भूमिका यहीं खत्म हो गई ? नहीं, पुलिस चिमनगंज का असली चेहरा अब सामने आयेंगा।

पुलिस के संरक्षण से आरोपी फरार, आखिर कब होगा गिरफ्तार

धोखाधड़ी का आरोपी अश्विन कासलीवाल यूं तो कहने को कागजों में फरार है और पुलिस गिरफ्त से बाहर है लेकिन यह पुलिस चिमनगंज भी बेहतर तरीके से जानती है कि अश्विन उसके घर पर ही मौजूद है और जानते-बूझते पुलिस चिमनगंज आरोपी को गिरफ्तार न कर उसे संरक्षण दे रही है। मोटे तौर पर देखा जाये तो पुलिस चिमनगंज आरोपी को अग्रिम जमानत का लाभ देने का अवसर दे रही है। यहां पुलिस फरियादी की बजाय आरोपी के पक्ष में कार्य कर रही है।

बकरे की अम्मा कब तक खैर मनाएगी, अश्विन पर फिर 420 लग जाएगी

अश्विन कासलीवाल के खिलाफ 420 की एफआईआर होने के बाद अश्विन द्वारा स्थापित कालोनी “मयंक परिसर में उगाए दर्जनों गरीब अब आवाज उठा रहे है और अवंतिका के युवराज की खबर पढ़कर उन्होंने अपनी पीड़ा उजागर की है। अश्विन जल्द ही एक बार और 420 बनने वाला है। जल्द ही अश्विन के पापों का घड़ा फूटने वाला है और मयंक परिसर की जांच कराये जाने पर अश्विन के खिलाफ और कई प्रकरण दर्ज हो सकते है और शायद तब उज्जैन पुलिस अश्विन के खिलाफ रासुका व मकान तोड़ने जैसी कार्यवाही करने को मजबूर हो सकती है वरना तब तक तो पुलिस चिमनगंज ही अश्विन की रहनुमा बनी रहेगी।

पुलिस कप्तान की दस्तक की दरकार

420 के मामले में पीड़ित पराग धनगर की गुहार पर पुलिस कप्तान सचिन शर्मा ने ही हस्तक्षेप कर प्रकरण दर्ज कराया था और अब पुलिस चिमनगंज के पूर्ववत आरोपी अश्विन के प्रति झुकाव वाले रवैये के चलते आरोपी की गिरफ्तारी हेतु जिला पुलिस कप्तान की दस्तक की दरकार है। वरना खुलेआम शहर में घूम रहा आरोपी अश्विन कभी भी फरार भी हो सकता है। अब तक यह मामला सिर्फ पीड़ितों को न्याय दिलाने का नहीं अपितु जिला पुलिस कप्तान की प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गया है क्योंकि भू माफिया व आरोपी अश्विन से कई सफेदपोश, दलालनुमा लोग जुड़े हुए है। जिनका खुलासा आगे भी अवंतिका के युवराज करता रहेगा।

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