सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ओम केमिस्ट प्रतिबंधित व नशीली दवाओं का नया अड्डा
ओम केमिस्ट के संचालक जयेश चौधरी ने अपने मेडिकल से पावर केप्सूल देने की विशेष व्यवस्था रखी है जहां से इसके द्वारा दिये जाने पावर केप्सूल को खाने के बाद पुरूष वहशी दरिंदा बनकर सीधे शिकार ढूंढता है। इसी पावर केप्सूल को खाकर शायद जयेश ने पीड़ित महिला का लंबे समय तक शोषण किया होगा और शायद शहर में महिलाओं, युवतियों, बालिकाओं के साथ होने वाली बलात्कार, छेडछाड की कई घटनाओं के पीछे इसी ओम केमिस्ट की भड़काऊ, खतरनाक, सेक्स डिजायर पैदा करने वाला पावर केप्सूल हो सकता है। इसकी वरिष्ठ स्तर से जांच कराई जाना चाहिए।
मेडिकल संचालक अपनी दुकान पर आने वाली महिलाओं, युवतियों के नंबर लेकर उनको बातों में उलझाकर इस दवा के माध्यम से शिकार बनाता है और इस हवस के पुजारी का खेल कई युवतियों का कौमार्य भंग कर चुका होगा तो कई औरतों का लाज इस जयेश ने लूटी होगी।
पीड़ित महिला के मामले में न तो पुलिस इंस्पेक्टर ने कोई कार्यवाही की है और न ही ड्रग इंस्पेक्टर ने लगातार मीडियाकर्मियों द्वारा ओम केमिस्ट व इसके संचालक द्वारा की जा रही हरकतों, नशे के व्यापार परफोकस कर जिम्मेदारों को जगाया जा रहा है लेकिन ड्रग इंस्पेक्टर का मौन कई शंकाओं को जन्म दे रहा है। आखिर नशीली दवाएं, शेड्यूल एच-1 की दवाएं व प्रतिबंधित दवाएं बिना डॉक्टर प्रिस्क्रिप्शन के बेचने वाले ओम केमिस्ट पर ड्रग इंस्पेक्टर मेहरबान क्यों है ? ओम केमिस्ट पर छापामार कार्यवाही क्यों नहीं करते।
वैसे तो सभी जानते है कि 3 साल से अधिक समय से उज्जैन में पदस्थ ड्रग इंस्पेक्टर के दुकान विशेष पर निरीक्षण के पूर्व ही उनके निर्देश पर ही उनके मातहतों द्वारा संबंधित को सूचना पहुंचा दी जाती है और कागजी खानापूर्ति की जाती है लेकिन यहां पर नशीली दवाईयों, मादक पदार्थों से संबंधित मामला है जिसमें महिलाओं के जीवन से ये खुला शोषण मेडिकल संचालक कर रहे है फिर भी ड्रग इंस्पेक्टर अकर्मण्य बने हुए है।
शायद ड्रग इंस्पेक्टर के 3 वर्ष पूर्ण होने से वे स्थानांतरण की संभावना के चलते दवा माफिया से कोई दुश्मनी मोल नहीं लेना चाहते या फिर कोई और मोल-भाव ओम केमिस्ट और ड्रग इंस्पेक्टर के बीच हुआ है यह तो ईश्वर की जाने। लेकिन ओम केमिस्ट के खिलाफ शिकायत, मीडिया की सुर्खियों के बावजूद कार्यवाही न करने की मेहरबानी, कहीं ड्रग इंस्पेक्टर के लिये हैरानी, परेशानी और निलंबन की कहानी का कारण न बन जाए।
अगले अंक में ड्रग इंस्पेक्टर के और कारनामों की भी समीक्षा होगी। इंतजार करिये…….