एक शहर में दो कानून
बाकी शहर की दुकानो को बंद कराने लिये ही घूमता है पुलिस का अमला
उज्जैन एक शहर में दो कानून को उज्जैन में आसानी से देखा जा सकता है। शहर के बहुसंख्यक मोहल्लों की दुकानों को पुलिस की मोबाइल गाड़ी बंद कराने के लिये 8-9 बजे बाद से ही घूमने लगती है। शायद सारे कानून इन बहुसंख्यक व्यापारियों के लिये ही है। जबकि बेगमबाग, भार्गव मार्ग की दुकाने देर रात तक चमन रहती है और देर रात्रि तक इन पर भीड़ बनी रहती है। इनके शटर बंद कराने का साहस पुलिस में शायद खत्म हो गया है । ये एक शहर में दो कानून होने की खुली पुष्टि करते है।
हिन्दूवादी नेता ने जताई आपत्ति
हिन्दूवादी नेता कृष्णा मालवीय ने इस दोहरे मापदंड से भरी पक्षपातपूर्ण कार्यवाही का विरोध करते हुए कहा कि शहर में सभी व्यापारियों की दुकान समान समय पर बंद कराई जानी चाहिए लेकिन पुलिस दोहरी कार्यवाही कर रही है। यह अनुचित है। जिला पुलिस अधीक्षक को इस पर संज्ञान लेना चाहिये। भारतीय संविधान में सभी को समानता का अधिकार प्राप्त है। लेकिन पुलिस की दोहरी कार्यवाही से कई व्यापारी समान के अधिकार से वंचित हो रहे है।