रिश्वत ट्रेप प्रकरण में आरक्षक रवि के संरक्षक, साथियों की भूमिका पर संज्ञान लें पुलिस महानिदेशक

उज्जैन जिले में सबसे ज्यादा विवादास्पद एवं पक्षपातपूर्ण कार्यवाही करने के लिये ख्यात पुलिस थाना चिमनगंज मंडी इस बार सबसे ज्यादा सुर्खियों में है। थाने के आरक्षक रवि कुशवाह को लोकायुक्त द्वारा रिश्वत मामले में ट्रेप किये जाने पर यह साफ हो गया था कि सटोरिये से सट्टा चलाते हेतु वरिष्ठ अधिकारियों के नाम पर रिश्वत लेने वाला आरक्षक रवि कुशवाह इस फिल्म का एक छोटा किरदार है बड़े किरदार वरिष्ठ अधिकारी और अन्य सहकर्मी हो सकते है। लेकिन अर्थपूर्ति के चलते जिम्मेदारों की कलम बौनी हो रही है और इस गोरखधंधे के संरक्षक अब तक बचे हुए हैं।

आसिफ पेंटर की मौत अब भी राज


आसिफ पेंटर की मौत अब भी राज बनी हुई है ऐसा आम व्यक्ति का मानना है लेकिन सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में स्पष्ट रूप से आसिफ चिल्लाता हुआ दिख रहा है कि पुलिस मुझे मारना चाहती है। सबूत और गवाह के नाम पर चलने वाली पुलिस इस प्रमाणित सबूत के बावजूद अब तक मौन है। आसिफ पेंटर की मौत की जांच सुस्त है और पुलिस चिमनगंज चुस्त है कारण कि पुलिस चिमनगंज जानती है कि आर्थिक हितों की प्रतिपूर्ति होने से उनका कोई कुछ नहीं कर सकता। इस मामले में परिहार उपनाम वाले एक उप निरीक्षक सहित बैस व नागर उपनाम वाले पुलिसकर्मियों के भी नाम सामने आ रहे थे लेकिन ढाक के तीन पात है कोई कार्यवाही नहीं हुई।

डीजीपी और एसपी की कार्यवाही में गंभीर फर्क

यूं तो नवागत पुलिस अधीक्षक की कार्यप्रणाली के चर्चे सभी ओर है। उनकी ठोस व निष्पक्ष कार्यप्रणाली वाकई में सराहनीय है। किन्तु पुलिस थाना चिमनगंज के आरक्षक के रिश्वत प्रकरण में ट्रेप होने तथा रिश्वत के रूपये लेकर भागने वाले संदेही आसिफ पेंटर की मात्र 2 दिन में जलने से मौत होने के गंभीर मामले के बावजूद थाना प्रभारी को मात्र लाईन हाजिर किया गया, जबकि इस मामले में पुलिस चिमनगंज की पूरी सर्जरी की जाकर रिश्वत व मौत दोनों मामलों में आसिफ पेंटर व थाने के पुलिस अधिकारियों, पुलिसकर्मियों के संपर्क, मोबाइल कॉल रिकार्ड आदि की निष्पक्ष व ठोस जांच कर थाना प्रभारी व अन्य दोषियों को निलंबित किया जाना चाहिये था लेकिन थाना प्रभारी को मात्र लाईन हाजिर किया गया और अब लाईन हाजिर थाना प्रभारी पुनः थाना पाने हेतु प्रयास करने लगे है ।

आश्चर्य का विषय है कि पुलिस चिमनगंज के तत्कालीन थाना प्रभारी जितेन्द्र भास्कर, उप निरीक्षक बबलेश कुमार, प्र.आरक्षक रानी कौशिक सहित कई पुलिस अधिकारियों, कर्मचारियों के खिलाफ कई शिकायते प्रचलित है लेकिन थाने की सर्जरी न होकर मात्र थाना प्रभारी को लाईन हाजिर करने की औपचारिकता हुई है। आखिर क्या कारण है कि बार बार जितेन्द्र भास्कर थाना चिमनगंज पर ही आना चाहते है ?

पुलिस महानिदेशक की कार्यवाही सराहनीय

पुलिस महानिदेशक सुधीर कुमार सक्सेना ने भ्रष्ट व कदाचरण में सम्मिलित पुलिस अधिकारियों, कर्मचारियों को दूरस्थ स्थानांतरित कर सख्त अधिकारी का परिचय दिया है लेकिन उज्जैन पुलिस ने थाना चिमनगंज के दागदार अफसरों, कर्मियों पर कृपा क्यों बरसाई, यह विचारणीय है। पुलिस महानिदेशक से आग्रह है कि वे थाना चिमनगंज की सर्जरी करके योग्य स्टाफ को पदस्थ करें तथा आसिफ पेंटर की मौत और रिश्वत के मामले की संधि बने दोषियों की भूमिका की जांच करवाकर त्रुटि अनुसार उनके विरूद्ध निलंबन, बर्खास्तगी की कार्यवाही करें।

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