मंदिर में अव्यवस्था का आलम, प्राधिकरण का नहीं हो रहा विकास
दोहरे दायित्व निभाने में अक्षम संदीप सोनी को मुख्यमंत्री करें दायित्वमुक्त
उज्जैन विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं श्री महाकालेश्वर मंदिर के प्रशासक संदीप सोनी दोहरे दायित्व निभाने में पूरी तरह अक्षम साबित हो रहे है। संदीप सोनी की कार्यप्रणाली से नेता ही नहीं बल्कि मंदिर आने वाले श्रद्धालु सहित आम जनता नाखुश है।
प्राधिकरण का नहीं हो रहा विकास
उज्जैन विकास प्राधिकरण के सीईओ संदीप सोनी के कार्यकाल में अब तक प्राधिकरण का ही विकास नहीं हो सका है। प्राधिकरण से जुड़े कार्यों के लिये हितग्राहियों, आम जनता को परेशान होना पड़ता है यहां पर अफसरशाही के संरक्षण के चलते दलाल हावी हो गये है। बिना लिये दिये कार्य नहीं किया जाता और नियम-कायदे बताकर लोगों को टाल दिया जाता है। संदीप सोनी उविप्रा कार्यालय में न के बराबर ही नजर आते है।
श्री महाकालेश्वर मंदिर में अव्यवस्थाओं का आलम
श्री महाकालेश्वर मंदिर उज्जैन को संदीप सोनी ने प्रयोगशाला बना दिया है। मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश कभी भी बंद कर दिया जाता है कभी भी खोल दिया जाता है। अपने चहेतों को दर्शन कराने हेतु असमय ही गर्भगृह में दर्शन खोले जाते है और चंद समय में ही पुनः बंद कर दिये जाते हैं। पत्रकारों को बमुश्किल ही नंदीहॉल तक जाने दिया जाता है लेकिन पंडे, पुजारी, मंदिर अधिकारी, कर्मचारी, पुलिस अधिकारी, पुलिसकर्मी अपने चहेतों को चौखट तक व गर्भगृह तक में दर्शन करवा देते है जींस के ऊपर साड़ी, धोती लपेटकर श्रद्धालुओं को गर्भगृह में प्रवेश दे दिया जाता है इनके लिये कोई नियम कायदे कानून नहीं रखे जाते स्पष्ट है कि इन सभी को मंदिर प्रशासक संदीप सोनी का संरक्षण है। आखिर ऐसे दोहरे मापदंड रखने के पीछे संदीप सोनी की मंशा क्या है ?
जबकि महाशिवरात्रि पर्व 18 फरवरी 2023 की मध्यरात्रि को नियम विरूद्ध तरीके से एक न्यायाधीश ने तथा एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने अपने चहेतों को आकर नंदीहॉल ले जाकर दर्शन करवाये। यहां पर भी दोहरे मापदंड है जबकि इसी समय अन्य श्रद्धालुओं को बेरिकेड से दर्शन करना पड़े। मंदिर प्रशासक संदीप सोनी यहां भी व्यवस्था बनाने में फेल हो रहे है। श्री महाकालेश्वर मंदिर में पत्रकारों को उचित मान-सम्मान व सहयोग नहीं दिया जाता। पत्रकारों की पत्नी के प्रवेश हेतु नियम बताये जाते है तथा अपने चहेतों व दलाली करने वाले लोगों को ये मंदिर के जिम्मेदार निर्वाध प्रवेश देते है।
सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि मूल रूप से विदिशा के रहने वाले संदीप सोनी स्वयं को मुख्यमंत्री का सिद्धहस्त बताकर अपना रौब जमाते है और मुख्यमंत्री इससे अनजान है।
स्तनपान कक्ष के बावजूद महिला खुले में स्तनपान कराने को विवश
कहने को तो श्री महाकालेश्वर मंदिर उज्जैन में प्रशासन द्वारा स्तनपान कक्ष की पृथक सुविधा उपलब्ध है लेकिन यह सिर्फ कागजों पर है। मंदिर में श्रद्धालुओं की संख्या तेजी से बढ़ रही है लेकिन नई सुविधा देने तो दूर मंदिर प्रशासन उपलब्ध सुविधा भी नहीं दे पा रहा है। 15 अप्रैल को रात्रि के समय गेट नं.4 के समीप एक महिला श्रद्धालु अपनी संतान को खुले में बैठकर स्तनपान कराने को विवश हुई, यह मंदिर प्रशासन के लिये लानत का विषय है।
मुख्यमंत्री करें संदीप सोनी को दायित्व मुक्त
दोनों दायित्वों को निभाने में संदीप सोनी असफल रहे है जबकि 1 वर्ष की अवधि में विधानसभा व लोकसभा चुनाव होने है। श्री महाकाल महालोक का सेकंड फेज का कार्य भी अत्यंत धीमा होकर श्रद्धालु आये दिन बदल रही व्यवस्थाओं से परेशान है। इसके दृष्टिगत मुख्यमंत्री के उज्जैन आगमन ‘पर संदीप सोनी को दोनों दायित्व से मुक्त कर बाहर स्थानांतरित की मांग की जायेगी।