पुराना सटोरिया जयेश आहुजा फिर एक्टिव मोड में
उज्जैन सूत्रों के हवाले से आईपीएल शुरू होने के साथ शहर में सट्टा कारोबार फिर एक्टिव मोड में आ गया है। शहर के नये पुराने सटोरिये बेखौफ होकर खाईवाली कर रहे है। इस बात में कोई दो राय नहीं कि संबंधित थानों की पुलिस इससे अनभिज्ञ न होगी। लेकिन कार्यवाही करने के लिये इच्छाशक्ति का अभाव थाना पुलिस की सटोरियों के प्रति झुकाव को छिपाने की बजाय उजागर कर रहा है।
पुराना सटोरिया जयेश आहुजा एक्टिव मोड में
आईपीएल सटोरिये एक्टिव मोड में खाईवाली भले ही कर रहे है लेकिन पुलिस प्रशासन डि एक्टिव मोड में ही बना हुआ है। तत्कालीन आईपीएस सीएसपी क्राईम विनोद कुमार मीणा ने अपने कार्यकाल में कुछ ही समय पूर्व लगातार कार्यवाही करते हुए आईपीएल सटोरियों की आर्थिक कमर तोड़ दी थी और सटोरिये जयेश आहुजा का मकान तोड़ दिया था लेकिन आज वही मकान और आलीशान बनकर तनकर खड़ा हुआ पुलिस को मुंह चिढ़ा रहा है कि मकान तोड़ने से कुछ नहीं होगा, जब तक सट्टा बंद न होगा मकान और भव्य बार-बार बनता रहेगा।
युवाओं को बर्बाद कर रहा आईपीएल सट्टा
शहर के प्रमुख समाचार पत्रों में भी ऑनलाईन क्रिकेट गेम खेलना एक प्रकार से सट्टे के समान ही है। दोपहर से ही जयेश व शहर के सटोरिये टीमे बना लेत है फिर शुरू होता है खाईवाली का सिलसिला और शाम तक कई युवाओं को ये सटोरिये इसकी चपेट में लेकर बर्बाद कर देते है। ये हमारी युवा नस्ल को बर्बाद कर रहे है लेकिन पुलिस सटोरियों पर कार्यवाही नहीं कर रही है। सायबर सेल भी इस दिशा में अब तक कुछ खास नहीं कर सकी है।
नवागत पुलिस कप्तान से है अपेक्षा
नवागत पुलिस कप्तान के कार्यों के चर्चे पूरे प्रदेश में होते है। उज्जैन जिले को आईपीएल सटोरियों से मुक्ति दिलवाकर अभियानपूर्वक ठोस कार्यवाही कर पुलिस कप्तान युवाओं को इस दलदल में जाने से रोक सकते है और इस बात तो जयेश और इसके जैसे सटोरियों को रासुका लगाकर जेल भेजना ही अंतिम उपाय हो सकता है।