उज्जैन इस वर्ष 2022 23 में हो रही पांचवी एवं आठवीं की परीक्षा जिसे बीच सत्र में ही बोर्ड कर दिया गया और सबसे प्रथम पेपर जो विज्ञान का लिया गया उसमें 8 से 9 प्रश्न कोर्स के बाहर दिए इसके पश्चात दूसरा प्रश्न पत्र सामाजिक अध्ययन इसमें हिंदी मीडियम के छात्र एवं जिन विद्यार्थियों का सामाजिक विज्ञान हिंदी में था उन्हें भी अंग्रेजी में चिन्हित प्रश्न पत्र दिया गया एवं इसके पश्चात उन बच्चों को इसका हिंदी अनुवाद भी नहीं बताया गया बच्चों के कहने पर जब ड्यूटी दे रहे सरकारी टीचर को कहा गया कि इसका हिंदी अनुवाद बताएं तो उन्होंने यह कहकर बच्चों को टाल दिया कि हम हिंदी मीडियम के टीचर हैं इंग्लिश नहीं जानते हैं। शिवराज सिंह सरकार में यह कैसा न्याय हो रहा है बच्चों के साथ एक तरफ तो मामाजी बहनों को और बेटियों को खुश कर रहे हैं और एक तरफ अपने भांजे भांजी यों को इस तरह दुखी कर रहे हैं।
इस घटना के पश्चात समस्त छात्र-छात्राओं के माता-पिता शिवराज सरकार से बहुत ही नाखुश हैं हो सकता है इसका दुखद परिणाम आने वाली विधानसभा के चुनाव में देखने को मिल सकता है यदि अभी भी यह छात्र छात्राओं के साथ ऐसा ही करेंगे तो आज का युवा शिवराज सरकार से बहुत ही ना खुश हो जाएगा जैसा कि प्रधानमंत्री कहते हैं युवाओं को खुश करो युवाओं से ही देश जागृत है और आज के समय में युवा पीढ़ी द्वारा ही सबसे अधिक वोट भाजपा को दिए जा रहे हैं यदि युवा पीढ़ी है ना खुश हो गई तो फिर ना रहेगी सरकार और ना रहेगा शिव का राज