उज्जैन । गांधीनगर, आगर रोड, उज्जैन निवासी सुनील परमार ने आज भीड भरी पत्रकारवार्ता में रूबरू होकर बताया कि मेरी 14 वर्षीय अवयस्क पुत्री मोनिका परमार जो कि 26 फरवरी 23 से लापता है, आज घटना को 14 दिन हो चुके है लेकिन पुलिस अन्नपूर्णा इस मामले को लेकर पुरी तरह से उदासीन रवैया अख्तियार किये है जिसकी वजह से समूचे परिवार में गम छा गया है।

परमार ने आज पत्रकारवार्ता में रूबरू होकर बताया कि इस घटना को लेकर पुलिस थाना अन्नपूर्णा इन्दौर में गुमशुदगी दर्ज करवा रखी है लेकिन पुलिस से यथोचित सहयोग नहीं मिल रहा है जबकि सीएम हेल्पलाईन में शिकायत करनेके पश्चात पुलिस ने भरोसा दिलवाया था किआप शिकायत कटवा दो हम जल्द उसकी पतारसी करेंगे। मगर आज तक मेरी अपहृतपुत्री का पता नहीं लगा है। पीडित परिवार ने पुनः सीएम हेल्पलाईन का सहारा लिया है।

आपने कहा कि प्रदेश के मुखिया शिवराज सरकार ने बेटी की सुरक्षा के मामले में प्रदेशवासियो को भरोसा दिलवाया था लेकिन काम करने वाला अमला इसकी पूरी तरह से अनदेखी कर रहा है तथा पुलिस के आला अफसरों को भी इसकी जानकारी दी गयी है मगर नतीजा शून्यवत है।

गौरतलब बात यह है कि पीडित परिवार ने पुलिस को मुख्य आरोपी का नाम पता बतला दिया है फिर भी प्रकरण में प्रगति शून्यवत है तथा आपने कहा कि मुख्य आरोपी आज भी पुलिस की गिरफ्त से दूर है।

तथा आपने आगे कहा कि बच्ची को अच्छी शिक्षा के लिये उसे नाना के घर इन्दौर पढाई हेतु भेजा था यहां से सीधे तौर पर मेरी बेटी का अपहरण हो गया है। यहां तक की धारा 363 की कायमी होने के बावजूद आज भी आरोपी फरार चल रहा है। आपने आशंका व्यक्त की है कि मेरी बेटी की कहीं हत्या तो नहीं हो गयी है।

परमार ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि वे इस मामले को लेकर जब तक पुत्री का पता नहीं चल जाता एवं मुख्य आरोपी पकड़ा नहीं जाता, तो विधानसभा में भी इस मामले को उठवायेंगे ।

आपने कहा कि समाज एक प्रतिनिधि मंडल शीघ्र ही इन्दौर पुलिस कमिश्नर से भेंट कर ज्ञापन सौपेगा तथा आरोपी की गिरफतारी की मांग दोहरायेगा।

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