विश्व प्रसिद्ध महाकाल मंदिर के पुजारी ही नहीं सुरक्षित ऐसे में आम श्रद्धालुओं का क्या होगा यह प्रश्न चिन्ह बन चुका है।
महाकाल क्षेत्र में उधम मचा रहे दर्जनों अपरायो पर कोई कार्रवाई नहीं
आए दिन महाकाल क्षेत्र के आसपास निकासी मार्ग पर दुकान निर्मित कर बैठे यहां कुछ अपराधी प्रवृत्ति के बदमाशों द्वारा श्रद्धालुओं से बदतमीजी पंडितों से गुंडाई कुछ व्यापारियों से वसूली के मामले आए दिन प्रकाश में आते रहते हैं। ऐसे ही कई प्रकरणों में लिप्त यह महाकाल क्षेत्र के गुंडा कार्तिक कहार विजय कहार रोहित कहार रवि वर्मा और इनके अन्य साथी अपराधिक गतिविधियों को अंजाम देते हैं। यदि इन गुंडा माफियाओं के प्रकरण की जांच होती है। तो इनका पक्ष मैं प्रभावशाली लोग पहुंच जाते हैं, जिसके परिणाम स्वरूप अब महाकाल में सेवा दे रहे पुजारी ही असुरक्षित है, तो बाहर से आए श्रद्धालुओं का तो हाल ना जाने क्या होगा यदि सही समय पर इन समाज में गंदगी फेला रहे भेड़ियों पर शासन प्रशासन द्वारा कोई कठोर स्थाई कार्रवाई नहीं की गई तो इन्हें ऐसे ही बढ़ावा मिलता रहेगा जिसका खामियाजा आम जनों को भुगतना पड़ सकता है। जैसा कि आप जानते हैं कि महाकाल लोक का लोकार्पण 11 अक्टूबर को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया था जिसमें शासन प्रशासन ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था पूरे उज्जैन शहर में ही नहीं पूरे संभाग में कड़ी सुरक्षा लगाई गई थी परंतु अब क्या श्री महाकाल जी कि पूजा आराधना कर रहे पुजारी की सुरक्षा के प्रति शासन प्रशासन का कोई दायित्व नहीं बनता?