शिव किसी के लिए सुनामी,तो किसी के लिए वरदान
उज्जैन, बाबा महाकाल के दरबार में बने महाकाल लोक के लोकार्पण हेतु जब से प्रधानमंत्री सीनरेंद्र मोदी के आने की सूचना प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान ने जब से पुख्ता की है तभी से महाकाल लोक के लोकार्पण की तैयारियों के चलते नित कई परिवर्तन हो रहे हैं, ऐसे में प्रदेश के मुखिया शिव किसी के लिए सुनामी और किसी के लिए वरदान साबित हो रहे हैं।
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पिछले दिनों तत्कालीन महाकाल कॉरिडोर का अवलोकन किया था और वहां चल रहे कार्यों का सूक्ष्मता से निरीक्षण भी किया , उनके महाकाल कॉरिडोर के निरीक्षण दौरे के तुरंत पश्चात महाकाल प्रशासक गणेश धाकड़ को महाकालेश्वर मंदिर प्रशासक के पद से तुरंत प्रभाव से हटा दिया गया, और इंदौर नगर निगम में अपर आयुक्त के पद पर कार्य कर रहे संदीप सोनी को तुरंत प्रभाव से महाकालेश्वर मंदिर का प्रशासक नियुक्त किया गया, दशहरे पर एक बार फिर शिवराज सिंह चौहान ने महाकाल कॉरिडोर नाम परिवर्तन महाकाल लोक का निरीक्षण किया और उनके इस दौरे के तुरंत बाद एक और प्रशासनिक अधिकारी पर गाज गिरी जिसके चलते उज्जैन नगर निगम आयुक्त अंशुल गुप्ता को उज्जैन निगम आयुक्त के पद से तुरंत प्रभाव से हटाकर भोपाल सचिवालय में भेज दिया गया, लेकिन इस बार भी एक तरफ जहां एक प्रशासनिक अधिकारी पर गाज गिरी तो दूसरे अधिकारी को तोहफा मिला और तोहफा भी बाबा महाकाल के दरबार प्रशासक पद पर आसीन एवं उज्जैन विकास प्राधिकरण के सीईओ पद के अतिरिक्त प्रभार की जिम्मेदारी निभाने वाले इंदौर नगर निगम अपर आयुक्त के पद पर रहे संदीप सोनी को उज्जैन नगर निगम आयुक्त का भी अतिरिक्त प्रभार मिला।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महाकाल लोक के लोकार्पण की 11 तारीख में अभी भी कुछ दिन और बाकी हैं और प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान का उज्जैन दौरा लगातार बना हुआ है ऐसे में प्रशासनिक अमले में हड़कंप मचना लाजमी है।
ऐसा कहा जाता है कि बाबा महाकाल अर्थात भगवान शिव जब किसी पर मेहरबान होते हैं तब उसकी झोली वरदानों से भर देते हैं, और जब उन्हें किसी पर क्रोध आता है तब वह तांडव नृत्य करके उसे भस्म करने में भी देरी नहीं करते हैं, और महाकाल लोक में यह दोनों ही स्वरूप दिखाई दे रहे हैं,बाबा महाकाल के दरबार में बने महाकाल लोक में आगे प्रदेश के मुखिया शिव किसके लिए वरदान साबित होंगे और उनके क्रोध का भागीदार बनता है यह देखने वाली बात होगी।
बहर हाल प्रशासनिक महकमे एवं राजनीतिक परिदृश्य में यह चर्चा का विषय बना हुआ है कि महाकाल लोक से और कितने तबादले होंगे और इन चर्चाओं के साथ में प्रदेश सरकार से इस संबंध में प्रश्न भी किया जा रहा है कि महाकाल लोक से आखिर इतने ताबड़तोड़ प्रशासनिक अधिकारियों के तबादले क्यों किए जा रहे हैं, कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने ट्वीट करके मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से यह प्रश्न किया है कि शिवराज सरकार यह स्पष्ट करें कि प्रधानमंत्री के आगमन के पूर्व दो प्रशासनिक अधिकारियों को हटाने की क्या वजह है?, क्या महाकाल लोक योजना के कार्यों में कोई भ्रष्टाचार हुआ है?, अगर भ्रष्टाचार हुआ है तो यह गंभीर मामला है, नरेंद्र सलूजा के सवालों का क्या जवाब है कहना मुश्किल है लेकिन उज्जैन के प्रशासनिक अधिकारियों का ताबड़तोड़ तबादला कई प्रश्न चिन्ह उत्पन्न कर रहा है, और सवाल यह भी है कि क्या मध्य प्रदेश सरकार के पास प्रशासनिक अधिकारियों की इतनी कमी हो चुकी है की तीन महत्वपूर्ण विभागों पर अलग-अलग प्रशासनिक अधिकारी नियुक्त करने की बजाय एक ही व्यक्ति को तीन महत्वपूर्ण विभागों का भार प्रधानमंत्री के आने से ठीक पूर्व सौंपना उन महत्वपूर्ण विभागों और उज्जैन की जनता के साथ न्याय संगत है? , अब इंदौर के नगर निगम अपार आयुक्त रहे संदीप सोनी, प्रधानमंत्री के उज्जैन आगमन से ठीक पूर्व महाकालेश्वर मंदिर, प्रशासक विकास प्राधिकरण सीईओ और उज्जैन नगर निगम आयुक्त इन तीनों महत्वपूर्ण पदों की जिम्मेदारियों को निभाना संदीप सोनी के लिए एक बड़ी चुनौती है।