उज्जैन 07 फरवरी। ग्राम भैसोदा विकासखंड उज्जैन के कृषक नरेंद्रसिंह पिता इंदरसिंह सामान्य तौर पर खरीफ सीजन में सोयाबीन की फसल लेते थे, जिसमें लागत अधिक आती थी व मुनाफा कम होता था, जिस कारण श्री नरेंद्रसिंह ने कृषि विभाग के ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी से संपर्क किया, तो कृषक को सोयाबीन की फसल के स्थान पर अन्य फसल लगाने की सलाह दी। इसमें कृषक ने उत्साह एवं अपनी सहमति दिखाई। इसके बाद कृषक नरेंद्रसिंह को कृषि विभाग के द्वारा खरीफ मूंग प्रदर्शन योजना के अंतर्गत मूंग (किस्म विराट) एक हेक्टेयर मैं बोने हेतु निशुल्क: प्रदान की गई। शासन की डीबीटी योजना अंतर्गत नि:शुल्क बीज के साथ-साथ इन्हें बीज उपचार औषधि, पीएसबी कल्चर, एजोटोवेक्टर कल्चर, विभिन्न सूक्ष्म पोषक तत्व, कीटनाशक दवाई आदि भी उपलब्ध कराई गई, जिसके लिए किसान को बिल प्रस्तुत करने पर उसके खाते में नियमानुसार 6200 रुपए का अनुदान दिया गयाl

इसके साथ ही कृषक ने ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी के मार्गदर्शन में कृषि विभाग से प्राप्त मूंग बीज को उपचारित कर उसकी निर्धारित मात्रा अपने खेत में बोई जिससे उन्हें प्रति हेक्टेयर पर्याप्त मात्रा में पौध संख्या प्राप्त हुई एवं सभी पौधे स्वस्थ थे। समय-समय पर कृषि विभाग द्वारा मार्गदर्शन मिलता रहा संतुलित उर्वरक का प्रयोग करते हुए कृषक ने कीट व्याधि होने की स्थिति में योजना में प्राप्त कीटनाशी दवाई का प्रयोग किया एवं फसल की सुरक्षित बड़वार सुनिश्चित की इसमें समय-समय पर कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारी एवं ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी फसल पर सतत निगरानी रखते हुए समय-समय पर फसल की निदाई गुड़ाई, उर्वरक, कीटनाशक एवं अन्य गतिविधि के विषय में कृषक को समझाइश देते रहे हैं, किसान ने फसल की परिपक्व अवस्था होते ही फसल की कटाई की एवं सुरक्षित तरीके से थ्रेसिंग कार्य किया, इस साल मौसम की अनिश्चितता के उपरांत भी कृषक को 10 क्विंटल प्रति हेक्टेयर का उत्पादन प्राप्त हुआ, और भूसा भी मिला। उन्नत कृषि उत्पादन कर किसान ने आगामी वर्ष के लिए बीज संधारित करते हुए उपज को बाजार में विक्रय किया जो सामान्य बाजार दर से लगभग ₹58000 में बिक्री हुई एवं भूसा भी ₹5000 में बिका। कृषक नरेंद्रसिंह के इस कृषि उत्पादक कार्यक्रम से ग्राम एवं आसपास के अन्य कृषक भी प्रभावित हुए हैं एवं इनकी तकनीकी अपनाने का मन बनाए है। कृषक ने कृषि विभाग की कृषक हितेषी योजनाओं का लाभ लिया एवं कृषि विभाग को धन्यवाद ज्ञापित कियाl

 

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