महातपस्वी योगी बाबा बम बम नाथ सिद्ध महाराज ब्रह्मलीन

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श्रद्धांजलि एवं भव्य भंडारे में उमड़े हजारों भक्त

राज जोशी
उज्जैन
महाकाल की पावन नगरी उज्जैन ने एक महान तपस्वी, शिवभक्ति के अद्वितीय उपासक और सनातन संस्कृति के संवाहक योगी बाबा बम बम नाथ सिद्ध महाराज का वियोग झेलते हुए 29 नवम्बर 2025 को उन्हें भावपूर्ण विदाई दी। बाबा के ब्रह्मलीन होने के पश्चात पूरे शहर में शोक और श्रद्धा की लहर छा गई। बाबा की स्मृति में आज हरसिद्धि रुद्रसागर विक्रमादित्य टीले के बाहर स्थित भैरव महाराज तप स्थान पर उनके परम शिष्यों द्वारा विशेष पूजन, श्रद्धांजलि और विशाल भंडारे का आयोजन किया गया, जिसमें हजारों भक्तों ने पहुंचकर प्रसादी लाभ लिया। आयोजन को सफल बनाने में

धर्मेंद्र जोशी, गब्बर बाबा, योगी नर्मदा नाथ, योगी पारसनाथ, करण नाथ, रोहित राव, धीरज भावसार, लकी जाटव, शशांक सेन, सुनील सिसोदिया, गगन सोनी, भारत चौहान तथा अन्य शिष्यगणों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। तप, त्याग और शिवभक्ति का अद्वितीय प्रतीक महातपस्वी बाबा बम बम नाथ सिद्ध महाराज अपने कठोर तप, गहन साधना और श्मशान साधना के लिए व्यापक रूप से श्रद्धा के केंद्र रहे। उन्होंने अपना अधिकांश जीवन महामृत्युंजय शिवशक्ति की उपासना, मंत्र-जप और ध्यान में व्यतीत किया।

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बाबा कहा करते थे, “जहाँ अंत दिखता है, वहीं सत्य का आरंभ होता है।” उनकी साधना न केवल मार्गदर्शक थी, बल्कि युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत भी बनी। महाकाल मंदिर आने वाले लाखों श्रद्धालु बाबा के दर्शन को अपनी यात्रा का पूर्ण फल मानते थे। भक्त बताते हैं कि बाबा के आशीर्वाद से जीवन की कठिनाइयाँ सहज ही दूर होने का अनुभव होता था। मनोकामना पूर्ण होने की अनेक कथाएँ वर्षों से लोगों की आस्था को दृढ़ करती रहीं। सनातन संस्कृति के सशक्त प्रचारक बाबा बम बम नाथ सनातन धर्म के दृढ़ संवाहक थे। वे सदैव यह संदेश देते रहे कि सनातन धर्म केवल पूजा-पाठ का स्वरूप नहीं, बल्कि सत्य, तप, करुणा और सेवा पर आधारित जीवन-पद्धति है। उनके प्रवचनों में जीवन-मरण के सत्य, वैराग्य की महिमा और शिवत्व की अनुभूति का संदेश गूंजता था।
अनेक युवा उनके सान्निध्य में आध्यात्मिक पथ की ओर प्रेरित हुए। सरलता, सेवा और त्याग का जीवन उज्जैन के लोगों के अनुसार बाबा का संपूर्ण जीवन सादगी और सेवा को समर्पित था। वे किसी प्रकार का दान अथवा उपहार स्वीकार नहीं करते थे। भक्तों द्वारा दिया गया सब कुछ वे गौ-सेवा, भंडारे और जरूरतमंद परिवारों की सहायता में लगा देते थे। उनके मार्गदर्शन में अनेक सामाजिक कार्य वर्षों से निरंतर चल रहे हैं। उज्जैन की आध्यात्मिक ऊर्जा का शाश्वत स्रोत बाबा योगी बम बम नाथ सिद्ध महाराज के तप, त्याग और सेवा से उज्जैन की पवित्र भूमि धन्य मानी जाती है। स्थानीय लोगों का कहना है कि बाबा केवल एक साधु नहीं थे, बल्कि शिवभक्ति के अवतार थे, जिनका जीवन समाज को दिशा देने वाला रहा।
आज भी उनके उपदेश, तप और दिव्य ऊर्जा की अनुभूति उज्जैन की हवा में महसूस की जा सकती है। भक्तों का विश्वास है कि बाबा की आध्यात्मिक शक्ति सदैव उनकी रक्षा करती रहेगी और महाकाल की नगरी को शिवमय बनाए रखेगी।