मध्य प्रदेश के मंदसौर में पशुपतिनाथ मंदिर मेले में प्रस्तुति देने वाले प्रसिद्ध गायक कैलाश खेर के एक बयान ने विवाद खड़ा कर दिया है। कैलाश खेर ने अपने प्रदर्शन के दौरान भाजपा नेताओं का मजाक बनाया, जिसमें उन्होंने नगरपालिका अध्यक्ष रमादेवी गुर्जर को अयोग्य बताया और मंदसौर की जनता को गरीब भी कहा।
मामला तब सामने आया जब कैलाश खेर ने अपने प्रदर्शन के दौरान भाजपा नेताओं का मजाक उड़ाया। उन्होंने सुवासरा के विधायक हरदीपसिंह डंग का भी मजाक बनाया। कैलाश खेर के इस बयान के बाद से ही सोशल मीडिया पर यह मामला तूल पकड़ने लगा।
पशुपतिनाथ मंदिर मेला समिति की सदस्य और वार्ड क्रमांक 13 की पार्षद प्रेमिला संजय गोयल ने मुख्य नगरपालिका अधिकारी को पत्र लिखकर कैलाश खेर के प्रोग्राम के बदले मिलने वाले भुगतान पर रोक की मांग की है। प्रेमिला गोयल ने अपने पत्र में कहा है कि कैलाश खेर के बयान से भाजपा नेताओं की भावनाएं आहत हुई हैं और इससे मंदसौर की जनता की भावनाएं भी आहत हुई हैं।
इस मामले में राजनीतिक प्रतिक्रिया भी शुरू हो गई है। भाजपा नेताओं ने कैलाश खेर के बयान की निंदा की है और उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। वहीं, कैलाश खेर के समर्थकों का कहना है कि उन्होंने सिर्फ मजाक किया था और किसी की भावनाएं आहत करने का उनका कोई इरादा नहीं था।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कार्रवाई करता है और कैलाश खेर के खिलाफ क्या कदम उठाए जाते हैं। क्या कैलाश खेर के भुगतान पर रोक लगाई जाएगी या नहीं? यह सवाल अब भी बरकरार है।









