ए नेगेटिव रक्तदान की अनोखी कहानी:बलराम शर्मा ने बचाई जान

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उज्जैन में एक चैरिटेबल हॉस्पिटल में एक मरीज की पत्नी की जान बचाने के लिए रक्त की आवश्यकता थी, लेकिन ब्लड बैंक में ए नेगेटिव रक्त की कमी थी। इस मुश्किल समय में समाजसेवी बलराम शर्मा ने आगे आकर अपना ए नेगेटिव रक्त दान किया और मरीज की पत्नी की जान बचाई।

बलराम शर्मा ने अपनी नई नौकरी की परवाह किए बिना पीथमपुर से उज्जैन आकर रक्तदान किया। जब मरीज के परिवार ने उन्हें बदले में कुछ देना चाहा, तो उन्होंने कहा कि वह भी किसी और की मदद करने के लिए रक्तदान करें।

बलराम शर्मा की इस पहल ने कई लोगों को रक्तदान करने के लिए प्रेरित किया है और उनके इस कार्य को अवंतिका के युवराज परिवार ने सेल्यूट किया है। बलराम शर्मा की कहानी तारीख में एक नए अध्याय की शुरुआत है।

बलराम शर्मा ने अपनी नई नौकरी की परवाह किए बिना रक्तदान करने का फैसला किया। इससे पहले कई लोगों ने रक्तदान करने से मना कर दिया था, लेकिन बलराम शर्मा ने अपनी जिम्मेदारी को समझा और रक्तदान किया।

बलराम शर्मा ने अपने संदेश में कहा कि जब आपको रक्त की आवश्यकता पड़े, तो किसी और को भी रक्तदान करने के लिए प्रेरित करें। उनका यह संदेश लोगों को रक्तदान के प्रति जागरूक करने में मदद करेगा।