इंदौर में नवजात की कहानी में खुलासा: झाड़ियों में मिली बच्ची के पीछे की सच्चाई
इंदौर के बाणगंगा क्षेत्र में एक नवजात बच्ची के झाड़ियों में मिलने की घटना ने सबको चौंका दिया था। दंपती ने पुलिस को बताया था कि उन्होंने आधी रात को रोने की आवाज सुनी और झाड़ियों में नवजात को पाया। उन्होंने बच्ची को घर ले जाकर उसकी देखभाल की और बाद में पुलिस को सौंप दिया। दंपती ने यह भी कहा था कि वे बच्ची को गोद लेना चाहते हैं।
पुलिस ने जब जांच शुरू की तो पता चला कि दंपती की कहानी में सच्चाई नहीं है। पुलिस ने दंपती से पूछताछ की और पता चला कि उनकी नाबालिग बेटी के साथ तीन लोगों ने दुष्कर्म किया था, जिनमें एक उनका रिश्तेदार और दो सफाई कर्मचारी हैं। बेटी के गर्भवती होने का काफी देर बाद पता चला। बेटी और परिवार की बदनामी के डर से पुलिस को झूठी कहानी बताई गई थी।
दंपती ने पुलिस को बताया कि वे अपनी बेटी की बदनामी नहीं चाहते थे, इसलिए उन्होंने झूठी कहानी बनाई। पुलिस ने इस मामले में आगे की जांच शुरू कर दी है और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
अब नवजात के भविष्य का फैसला बाल कल्याण समिति करेगी। समिति नवजात को बाल संरक्षण आश्रम में भेज सकती है, जहां से उसे कारा (सेंट्रल एडॉप्शन रिसोर्स अथॉरिटी) के माध्यम से पात्र निसंतान दंपती को सौंपा जा सकता है।
पुलिस इस मामले में आगे की जांच कर रही है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है। पुलिस यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि दुष्कर्म के मामले में कितने लोग शामिल थे और उनकी भूमिका क्या थी।









