उज्जैन के फ्रीगंज ब्रिज पर यातायात नियमों का पालन करवाने के लिए कई प्रयास किए गए, परंतु सभी प्रयास विफल रहे। यह प्रशासन की लापरवाही है या फिर लोगों में पुलिस का डर नहीं है, यह एक बड़ा सवाल है। फ्रीगंज ब्रिज पर यातायात पुलिस की ड्यूटी श्री चामुंडा माताजी से ब्रिज पर चढ़ते ही फ्रीगंज की ओर उतर पाते हैं, वहीं पर यातायात पुलिस ड्यूटी पर होती है और चालानी कार्रवाई करती है।
पुलिस की दोहरी नीति
इसी के डर के चलते लोगों में डर बना रहता है, तभी वह फ्रीगंज नियमों को तोड़कर यातायात पुलिस को देखकर अपनी स्मार्टनेस का परिचय देते हैं। केवल वीआईपी लोगों को छूट मिलती है, यह नियम वही लोग फॉलो करते हैं जिनका मिनिस्टर या गवर्नमेंट अधिकारी या जो भी नेतागिरी से रिलेटेड हो, केवल यही लोग फॉलो करते हैं। एक हेलो पर उनकी गाड़ी छूट जाती है, और जिनके पास इन लोगों का सपोर्ट नहीं होता, वह लोग नियम तोड़ने पर मजबूर रहते हैं।
दुर्व्यवहार और दोहरी कानून नीति
क्या पुलिस प्रशासन का यही कर्तव्य होता है कि वे लोगों के साथ दुर्व्यवहार करें? दोहरी कानून नीति के साथ यदि ऐसे ही कार्य होता रहा तो यातायात नियमों का पालन करवाने में पुलिस असफल रहेगी। इससे लोगों में पुलिस के प्रति अविश्वास और बढ़ेगा, और यातायात नियमों का पालन करवाना और भी मुश्किल हो जाएगा।