उज्जैन के देवास गेट थाने में पुलिस बल की कमी एक बड़ी समस्या बन गई है। थाने में मात्र तीन आरक्षक और एक थाना प्रभारी के सहारे पूरे थाने की बागडोर संभाली जा रही है। इससे कई अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाना मुश्किल हो रहा है। पुलिस प्रशासन की इस लापरवाही के कारण यात्रियों को परेशानी हो रही है और अपराधियों के हौसले बुलंद हो रहे हैं।
इंदौर गेट रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को होमस्टे और होटल संचालक घेर लेते हैं और उन्हें दोगुने दामों पर होटल दिलाते हैं। यह एक संगठित अपराध है, जिसमें होटल संचालक और ऑटो चालक मिलकर यात्रियों को लूटते हैं। पुलिस प्रशासन की भूमिका इस पर अंकुश लगाने के लिए कमजोर है, जिससे यात्रियों को परेशानी हो रही है। स्टेशन के बाहर ऑटो संचालक मनमाने दाम वसूलते हैं और होटल की दलाली भी कई अवैध गतिविधियों में लिप्त हैं।
ऑटो संचालकों की मनमानी और अपराध
ऑटो संचालक अपनी ऑटो के अंदर गांजा और दारू पीते देखे जा सकते हैं और यात्रियों को गांजा, दारू और अन्य नशीली पदार्थ दिलवाने में भी संकोच नहीं करते। वे हर जगह अपना कमीशन फिक्स कर रखा है, जिससे यात्रियों को परेशानी होती है और शहर की छवि भी खराब होती है।
देवास गेट थाने में पुलिस बल की कमी और प्रशासन की लापरवाही के कारण यात्रियों को परेशानी हो रही है। जिम्मेदार अधिकारियों को इस ओर ध्यान देना चाहिए और व्यवस्था में सुधार करना चाहिए। उन्हें थाने में पुलिस बल की संख्या बढ़ानी चाहिए और अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए कड़े कदम उठाने चाहिए। इससे यात्रियों को राहत मिलेगी और शहर की सुरक्षा भी बढ़ेगी।
यह मुख्यमंत्री का गृह क्षेत्र है और यहां पर इतनी बड़ी लापरवाही यदि कोई बड़ी घटना होती है तो उसका जिम्मेदार कौन होगा, हमें मुंबई में हुए 26/11 हमले की याद दिला देती है, जहां दो कांस्टेबल स्टेशन पर केवल लाठी लेकर आतंकवादियों से भीड़ रहे थे। हमें अपने सुरक्षा बलों की कमी को दूर करना चाहिए और व्यवस्था में सुधार करना चाहिए।
लेकिन देवास गेट थाना प्रभारी अनिला पलासर द्वारा निरंतर अपराधियों पर कमर तोड़ कार्यवाही की जा रही है। उन्होंने अपनी ईमानदारी और निष्पक्षता का परिचय देते हुए कई अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचाया है। उनके प्रयासों से देवास गेट क्षेत्र में अपराध की दर में कमी आई है और लोगों में सुरक्षा की भावना बढ़ी है।
पुलिस प्रशासन को चाहिए कि वह होमस्टे और होटल संचालकों पर नजर रखे और उनकी मनमानी पर अंकुश लगाए। इसके अलावा, ऑटो संचालकों के लिए भी नियम बनाए जाने चाहिए ताकि वे यात्रियों से मनमाने दाम न वसूल सकें। इससे यात्रियों को राहत मिलेगी और शहर की सुरक्षा भी बढ़ेगी।
अगर पुलिस प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं देता है, तो यात्रियों की परेशानी और बढ़ सकती है। इससे शहर की छवि भी खराब हो सकती है और अपराधियों के हौसले भी बुलंद हो सकते हैं। इसलिए, जिम्मेदार अधिकारियों को इस ओर ध्यान देना चाहिए और व्यवस्था में सुधार करना चाहिए। देवास गेट थाना प्रभारी अनिला पलासर के प्रयासों को और मजबूत करने के लिए पुलिस प्रशासन को उनकी टीम में और अधिक पुलिस बल प्रदान करना चाहिए।