हमारी कलम किसी से नहीं डरती और हम सच को सच ही कहेंगे।
मध्य प्रदेश में भ्रष्टाचार अब चरम सीमा पर है, और यह एक ऐसा सच है जो किसी से छिपा नहीं है। लेकिन सबसे दुखद बात यह है कि विपक्षी दल को अपनी बात रखने का मौका नहीं मिलता है, और अगर वे सामने आते हैं तो उन्हें धमकाकर चुप करा दिया जाता है। यह लोकतंत्र की हत्या है, जहां विपक्षी दल को अपनी आवाज उठाने का अधिकार नहीं है।
पहले के समय में, सत्ताधारी पार्टी विपक्षी दल को मजबूत करने में मदद करती थी, लेकिन अब यह पूरी तरह से बदल गया है। वर्तमान में, सत्ताधारी पार्टी विपक्षी दल को नष्ट करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। यह मध्य प्रदेश की राजनीति में एक नए युग की शुरुआत है, जहां लोकतंत्र की हत्या हो रही है और विपक्षी दल को अपनी बात रखने का अधिकार नहीं है।
मध्य प्रदेश में चौदहवीं विधानसभा ने भाजपा और कांग्रेस, दो सरकारों को देखा है, जहां जनता ने राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं, दल-बदल और बढ़ती कट्टरता और सांप्रदायिक ध्रुवीकरण को देखा है। इन पांच सालों के घटनाक्रमों से प्रदेश में भविष्य की राजनीति की दिशा समझी जा सकती है।
कांग्रेस सरकार के दौरान भी भ्रष्टाचार और वादाखिलाफी के आरोप लगे थे, और भाजपा सरकार में भी यही स्थिति है। मध्य प्रदेश की राजनीति में अब यह एक आम बात हो गई है, जहां सत्ता के लिए किसी भी हद तक जाया जा सकता है।
आज मध्य प्रदेश इस स्थिति में पहुंच गया है जहां लोकतंत्र की हत्या हो रही है और भ्रष्टाचार चरम पर है। अब यह समय है कि हम अपनी दृष्टि को बदलें और सही मायने में लोकतंत्र को मजबूत करें।