उज्जैन में दलितों पर अत्याचार के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं, लेकिन प्रशासन और पुलिस की भूमिका शर्मनाक रूप से उदासीन बनी हुई है। भीम आर्मी ने उज्जैन में पुलिस अधीक्षक ऑफिस पर ज्ञापन धरना दिया और प्रशासन से कार्रवाई करने की मांग की।
मामलों की जांच की मांग
भीम आर्मी के जिलाध्यक्ष श्रवण धानक ने जानकारी देते हुए बताया कि उज्जैन जिले के विभिन्न थानों में दलितों पर अत्याचार के मामले दर्ज किए गए हैं, लेकिन पुलिस ने इन मामलों में कोई संज्ञान नहीं लिया है और न ही न्याय की कोई प्रक्रिया अपनाई गई है। उन्होंने मांग की है कि सभी संबंधित थानों में दलित उत्पीड़न के लंबित मामलों की निष्पक्ष जांच हो और दोषी पुलिसकर्मियों और आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।
मुख्यमंत्री से सार्वजनिक रूप से स्थिति स्पष्ट करने की मांग
भीम आर्मी ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से सार्वजनिक रूप से इस विषय पर अपनी स्थिति स्पष्ट करने की मांग की है। भीम आर्मी के वरिष्ठ नेता सुनिल अस्तेय ने कहा कि मुख्यमंत्री को अपने गृह जिले में दलितों पर हो रहे अत्याचार नहीं दिख रहे या फिर वे जानबूझकर आंखें मूंदे बैठे हैं।
आंदोलन की चेतावनी
भीम आर्मी ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं की गई तो दलित समाज के साथ मिलकर राज्यव्यापी जनआंदोलन की शुरुआत की जाएगी। भीम आर्मी ने कहा है कि वे डरने वाले नहीं हैं और दलित समाज के हक के लिए सड़क से सदन तक संघर्ष करेंगे।
ज्ञापन में मौजूद रहे
ज्ञापन में दुलेसिंह सूर्यवंशी, निर्भय सिंह चंद्रवंशी, संदीप परमार, राजेश डाबी, मोहनलाल मकवाना, विशाल राठौर, तेजपाल डाबी, मुकेश चौहान सहित कई अन्य लोग मौजूद थे।