थाना के जमाई अश्विन पर पुलिस चिमनगंज की मेहरबानी …बार-बार, हर बार…. लगातार शर्म करो सरकार क्या

किसी बड़ा घटना है इंतज़ार या न्यौछावर से पुलिस हुई अकर्मण्य

उज्जैन अवंतिका के युवराज शहर के लोगों के बीच दबी जुबान में अश्विन कासलीवाल के काले कारनामों की निंदा करने लगे हैं लेकिन सभी के मन में एक ही सवाल है कि आखिर भू माफिया अश्विन कासलीवाल उज्जैन के पुलिस थाना चिमनगंज मंडी के अंतर्गत ही अवैध कालोनी क्यों काटता है ? क्या यह पुलिस चिमनगंज का जमाई है या फिर पुलिस चिमनगंज में इसके खिलाफ शिकायत करने की हिम्मत करने पर उसे नेस्तनाबूद कर दिया जाता है इस कारण अश्विन बार-बार लगातार हर बार …….. चिमनगंज थाने के अंतर्गत अवैध कालोनी काटकर लोगों को करीबन आधा दशक से ज्यादा समय से लग रहा है।

थाना चिमनगंज की जमीन ही क्यों चुनी?

सूत्रों के हवाले से अश्विन के दो दलाल डीजे साउंड और आरबी रेलवे ओवरब्रिज पुलिस थाना चिमनगंज के स्थाई एजेंट है जिनके जर्जर मकान और ‘खाली जेबे थाने की मेहरबानी से भर सकी है और यह मेहरबानी अश्विन को संरक्षण दिये जाने के एवज में बरसी है। लोकतंत्र के चतुर्थ स्तम्भ का चोला ओढ़कर व इसका दुरूपयोग कर यह एजेंट रेलवे ओवरब्रिज इतनी दौलत बना चुका है कि शायद इसकी सम्पत्ति की जांच कराने पर आयकर विभाग की भी आंखे खुली रह जाऐं।

अश्विन पूरी तरह बेखौफ होकर थाना चिमनगंज के अंतर्गत अवैध कालोनी काटता रहा क्योंकि इसके दलाल थाने को एक दशक से ज्यादा समय से चला रहे है और थाने तक इन दलालों ने कई पीड़ितों को नहीं पहुंचने दिया। कुछ पीडित थाने की चौखट चढ़े तो उन्हें सेटिंग की गिटार बजाकर इन दलालों ने रवाना करवा दिया।

लेकिन पराग धनगर ने जान हथेली पर रखकर 84 दिनों की मशक्कत के बाद अश्विन कासलीवाल के खिलाफ 420 का प्रकरण दर्ज कराया। लेकिन पुलिस चिमनगंज के संरक्षण के चलते पुलिस गिरफ्त से बाहर होकर अश्विन अब भी अवैध कालोनियां काटने में मशगूल है।

पुलिस चिमनगंज को हादसे का इंतजार?

सूत्रों के अनुसार कथित रूप से आसिफ पेंटर को मौत के आगोश में सुलाने वाली पुलिस चिमनगंज 420 के आरोपी अश्विन को गिरफ्तार न करते हुए पीड़ित पराग व उसके परिजनों और मुझ कलमकार के साथ किसी हादसे का इंतजार कर रही है या फिर मिली न्यौछावरी पर अश्विन के आगे न्यौछावर होकर अकर्मण्य बनी हुई है।

न रूपयों से बिकी हमारी कलम, न हत्या की धमकी से झुकी

एजेंट डीजे साउंड और रेलवे ओवरब्रिज ने कई प्रभावशाली लोगों से कॉल करवाकर मेरी कलम को रोकने का दुस्साहस किया और प्रलोभन भी दिये, लेकिन हमें सच की हिफाजत करनी है इन दलालों की तरह दलाली नहीं वरना हम भी रूक सकते थे। हमने सिक्कों की खनज की बजाय ईमान को तरजीह दी और इसी कारण आज भी बेखौफ मेरी कलम जारी है जिसे दबाने के लिये हत्या की धमकी भी ये दलाल और इनका सरगना अश्विन दे रहे है। लेकिन चाहे कलमकार तो ये अश्विन और इसके दलाल मार दें लेकिन सच नहीं छुपेगा।

आज नहीं तो कल सच की जीत होगी। भू माफिया और एजेंटों हमेशा याद हारता…….हमेशा रखो………ही है।

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