तेरे करम से मिल रही दो वक्त की रोटी, भुखमरी ने हमें न छुआ ……….भुखमरी के शिकार परिवार पर
गरीबों का निवाला छीनने वाले कासलीवाल की कृपा हुई अपार…………
यही सबब है कि एजेंट की सरपरस्ती में कासलीवाल नहीं हुआ गिरफ्तार…….
उज्जैन अवंतिका के युवराज मालिक तुमको जन्नत बक्शे……… औलाद दौलत, रेहमत बक्श……… आम तौर पर एक भूख से तरस रहे किसी इंसान को खाना मिलने पर वह इस तरह की दुआओं की बरसात करता है। अमूमन इसी तरह की दुआओं की बरसाते भुखमरी के शिकार कासलीवाल के सरपरस्त लेकिन एजेंट के परिवार के लोग कर रहे हैं। कब्जे की जमीन, बिना परमिशन बने अवैध मकान पर दो जून की रोटी के लिये तरसने वाला एजेंट का परिवार ठग 420 भू माफिया अश्विन कासलीवाल को दुआएं दे रहा है कि तेरे रहम-ओ-करम से ही हम भूखे मरने से बचे हैं।
कासलीवाल ने कृपा बरसाई है…..तब जाकर बात सुखी चटनी रोटी से सयाजी तक आई है……….
गरीबों का निवाला छीनकर इस भुखमरे एजेंट का पेट पालने वाले कासलीवाल ने भुखमरे के परिवार पर रेहमत बरसाई है तभी तो बात सुखी चटनी और रोटी से सयाजी होटल तक आई है।
एजेंट की सरपरस्ती की कासलीवाल की फरारी का सबब
ठग 420 अश्विन कासलीवाल की सरपरस्ती का ही सबब है कि कासलीवाल शिकायत के बाद भी 84 दिनों तक भयमुक्त रहा और एजेंट की मेहरबानी से ही वो अब तक गिरफ्तार नहीं हुआ और फरार है।
दानवीर कर्ण नहीं धर्माधिकारी है टीआई करण
महाभारत में दानवीर कर्ण ने अधर्म का साथ दिया, उसका क्या दुष्परिणाम हुआ, सबके सामने है। लेकिन पीड़ित पराग धनगर की शिकायत के 84 दिनों में एक थाना प्रभारी व एफआईआर के कुछ दिन बाद दूसरे थाना प्रभारी भी गरीब के साथ अन्याय करने की भेंट चढ़ गये। लेकिन इस पूरे मामले में धर्माधिकारी बने रहे कायमी करने वाले और वर्तमान कार्यवाहक थाना प्रभारी करण खोवाल जिन्होंने वास्तविक करण बनकर पीड़ित को ढाल दी और दबाव को दरकिनार कर कायमी करके अपने शरीर पर पहनी वर्दी का सम्मान किया।
आशा है कि जल्द ही धर्माधिकारी करण फरार आरोपी अश्विन को जेल की सींखचे दिखाएंगे।