फर्जी, ठग, 420 भू माफिया कासलीवाल हुआ फरार

बदमाश कम्पनी का प्रोप्रायटर अश्विन ने रची कथित कलमकारों,दलालों और कट्टरवादियों की आड़ में नई ठगी की साजिश

उज्जैन मध्यप्रदेश के भू माफियाओं को जमीन में गाडने की मुख्यमंत्री की घोषणा सालों बाद भी अब तक साकार नहीं बेकार ही साबित हुई है और उज्जैन में गरीबों को जमीन के नाम पर ठगने वाला फर्जी, ठग, 420 भू माफिया अश्विन कासलीवाल फरार है और अश्विन के गुर्गों को पूरा भरोसा है कि भाजपा सरकार रहते प्रदेश में अश्विन को गिरफ्तार करना तो दूर उसे हाथ लगाना भी नामुमकिन है। ये भाजपा के हारने की वजह भी बन सकता है। लेकिन क्या उज्जैन पुलिस अश्विन के गुर्गों के भरोसे को झूठला पायेगी ?

मामा मेहरबान तो गधा पहलवान

प्रदेश के शिवराज मामा भू माफियाओं को गाड़ने के दावे करते रहे और 420, ठग, धोखेबाज, छलिया, ठग भू माफिया शिवराज मामा के भानजों, बहनों को ठगता रहा। इन्हीं में से एक पराग धनगर है जिसकी चप्पले अश्विन के खिलाफ 420 का प्रकरण दर्ज कराने में घिस गई और अब 25 दिन बाद भी अश्विन अपने रसूख, दबंगाई के चलते खुला घूम रहा है और पुलिस चिमनगंज उसे पकड़ने में नाकाम साबित हुई है। याने मामा मेहरबान तो गधा पहलवान ।

बदमाश कम्पनी का प्रोप्रायटर है अश्विन

सूत्रों के अनुसार अघोषित रूप से खुद को बदमाश कम्पनी का प्रोप्रायटर बताने वाले रिकार्डेड सफेद कालर अश्विन कासलीवाल के पास कई गुर्गे, दलाल और कथित कलमकार भी है जो इसकी बदमाश कम्पनी के मेम्बर है। नगर निगम, पुलिस थाना, तहसील आदि भिन्न-भिन्न कार्यालयों की एजेंटी, सेंटिंग और काले को सफेद करने का खेल इन्हीं गुर्गों, एजेंटों, कथित कलमकारों के जिम्मे है।

बदमाश कम्पनी में कुछ कट्टरवादी व सुपारी लेने वाले बदमाश भी शामिल है जो कि विवादित सम्पत्तियों का निपटारा करने के साथ ही अश्विन द्वारा ठगे गए, छले गए व धोखे का शिकार गरीबों को डरा धमकाकर शिकायते न करने का दबाव बनाते है व शिकायत करने पर वापस लेने के लिये धमकाते है। सूत्रों की माने तो अश्विन के खिलाफ जा रहे मामले में अश्विन के कुछ कट्टरवादी गुर्गे बिना सिर-पैर के ही दखलअंदाजी कर गरीबों पर झूठे मामले लदवाने के साथ ही आंतरिक तौर पर प्रतिबंधित संगठन से जुड़कर फंडिंग तक करते है।

बदमाश कम्पनी की नई कोशिश, मालीखेड़ी की रची गई साजिश

सूत्रों के अनुसार बदमाश कम्पनी ने कई सरकारी जमीनों व अवैध कालोनियों में गरीबों को ठगने के बाद नई कोशिश की शुरूआत कर दी है और मालीखेड़ी में जमीन का सौदा कर लिया है और इसके आसपास की सरकारी भूमि चिन्हित कर निजी की आड़ में सरकारी जमीनों का खेल करने की साजिश रची है।

वैसे इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि मालीखेड़ी में भी नगर एवं ग्राम निवेश, नगर पालिक निगम उज्जैन की अनुमति / अनुमोदन व भूमि के डायवर्शन के बिना ही यहां कालोनी काटने की जोर-शोर से तैयारी चल रही है और इसी कालोनी की ठगी को सक्सेस करने की मन्नत ठग, 420 अश्विन मांग रहा होगा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here