बिल्डर परियानी और समाजसेवी शीतलानी द्वारा निर्मित कराई प्रतिमानों से प्रेरणा ले भ्रष्ट प्रशासन
उज्जैन अवंतिका के युवराज बिल्डर महेश परियानी ने बायपास स्थित कालोनी में भगवान श्री हनुमानजी की और समाजसेवी महेश शीतलानी ने संतराम सिंधी कालोनी में भगवान श्री झूलेलालजी की बेहतरीन प्रतिमाएं लगाई गई है। बीते दिनों आए आंधी तूफान में ये विशालकाय प्रतिमाएं स्थिर रही और इनका रंग-रूप जस का तस रहा। लेकिन श्री महाकाल महालोक का विश्व भर में प्रचार करने की नौटंकी करने वाले प्रशासनिक अधिकारियों की सच्चाई आंधी तूफान के बाद सामने आई जहाँ सप्तऋषियों की मूर्तियों सहित भगवान की अन्य प्रतिमा स्थान छोड़ने लगी और उनके अंग-भंग हो गये। इसके लिये सीधे तौर पर इस अवधि में पदस्थ रहे जिले के प्रशासनिक अधिकारियों, स्मार्ट सिटी के अधिकारियों को ही जिम्मेदार मानकर इनके खिलाफ ठोस कार्यवाही की जाना बेहद जरूरी हो गया है क्योंकि ये अधिकार अब भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा करते हुए अब करोड़ों सनातनियों की भावनाओं से खिलवाड कर रहे है।
मूर्तियां टूटना कहीं भाजपा और भ्रष्ट अधिकारियों के पाप फूटने का संकेत तो
नहीं आंधी तूफान ने कहीं और इतना नुकसान नहीं किया जितना महाकाल महालोक में हुआ है और इसे लेकर विधायक महेश परमार विधानसभा में प्रश्न उठा चुके है और लगातार मीडिया भी इसे लेकर मुखर होता रहा है। जहां आग लगती है वहीं धुआं उठता है। इसे देखकर लगता है कि सिर्फ महालोक में प्रतिभाओं का स्थान से हटना, मूर्तियों का खंडित होना, कहीं प्रदेश की भाजपा सरकार और भ्रष्ट अधिकारियों के पाप फूटने का संकेत तो नहीं। इसे लेकर भाजपा सरकार और भ्रष्ट अधिकारियों में खलबली मची हुई है।
महाकाल महालोक के फेज-2 को लेकर संदेह
महालोक के द्वितीय चरण को प्रदेश की भाजपा सरकार हर हालत में जुलाई अगस्त 2023 तक पूरा कर प्रधानमंत्री से इसका भी लोकार्पण करवाकर झूठा श्रेय लूटकर प्रदेशवासियों को बरगलाना चाहती है और इसके लिये पूर्व की तरह अधिकारी अपनी पीठ थपथपाएंगे। आवश्यकता है तो फेज 2 के कार्यों के सूक्ष्मत से तकनीकी अवलोकन की। वरना कहीं फेज-2 का लोकार्पण होने के पश्चात दोयम दर्जे के कार्यों से समूचे विश्व में यह भाजपा सरकार और भ्रष्ट अधिकारी चंद रुपयों के लालच में भारत को बदनाम न कर दें।