पीड़ित परिवार ने जताई हत्या की आशंका

उज्जैन महीनों की मशक्कत के बाद पराग धनगर द्वारा पुलिस थाना चिमनगंज मंडी उज्जैन में आरोपी भू माफिया अश्विन कासलीवाल के खिलाफ भारतीय दंड विधान भू की धारा 420 के तहत प्रकरण दर्ज होने के 10 दिन बाद भी आरोपी पुलिस गिरफ्त से बाहर है। अवंतिका के युवराज द्वारा लगातार आरोपी की गिरफ्तारी के मामले को उठाने के बावजूद अब तक पुलिस चिमनगंज मंडी नहीं चेती है। अब तो आखिर एसपी ही जाने कि कासलीवाल कब होगा गिरफ्तार ? या फिर घर बैठकर ही सिर्फ कागजों पर रहेगा फरार।

पुलिस ने बदले सुर, कासलीवाल हुआ फुर्ररररररररररररर…..

पुलिस चिमनगंज मंडी ने कायमी की बजाय फरियादी पराग धनगर को लगातार समझौते का दबाव बनाकर कासलीवाल को फुरर…. याने फरार होने का पर्याप्त वक्त और मौका दिया। इस मामले में पुलिस चिमनगंज मंडी की भूमिका पर पुलिस कप्तान को संज्ञान लेना चाहिए कि कायमी के पूर्व तक थाने आ रहे अश्विन को गिरफ्तार करने की बजाय पुलिस ने आखिर क्यों फरार होने का मौका दिया।

खुलासों का दौर रहेगा जारी, अब आई मयंक परिसर की बारी

सूत्रों से मिली जानकारी पर भीषण गर्मी में तपती धूप में नागरिकों की पीड़ा जानने अवंतिका के युवराज संवाददाता मक्सी रोड़ उज्जैन स्थित मयंक परिसर पर पहुंचे। जहां पर करीबन 200 घरों के महिला पुरुषों ने कैमरे के सामने अपनी समस्या जाहिर कर बताया कि अश्विन कासलीवाल ने वैध कालोनी बताकर मयंक परिसर नामक अवैध कालोनी स्थापित की है।

कालोनी नहीं, बल्कि खतरनाक जंगल है मयंक परिसर

पीडित सुरेश परमार के अनुसार यह मयंक परिसर कालोनी नहीं, बल्कि एक खतरनाक जंगल है जहां पर सर्प, बिच्छु सहित अन्य खतरनाक जंतु विचरण करते है और चौबीसों घंटे हमारे प्राण खतरे में रहते है।

भू माफिया कासलीवाल के झूठे वादों में उलझे नागरिक, अब देता घमकी

भू माफिया अश्विन कासलीवाल ने झूठे वादों में उलझाकर प्रकाश, अंडरग्राउंड ड्रेनेज, नाली, सड़क, उद्यान, मंदिर आदि सहित मूलभूत सुविधाओं का आश्वासन देकर सैकड़ा से अधिक नागरिकों को ठगा है। अब पीड़ित जब मूलभूत सुविधा की मांग करते है तो अश्विन उन्हें डराता, धमकाता है।

अवैध कालोनी के नासूर का न सिर न पैर – पर “बेल इल्म”, इसलिये बेखौफ कासलीवाल

आदतन अवैध कालोनी व सरकारी जमीन पर कालोनी काटने का शौकीन भू माफिया अश्विन जानबूझकर अवैध कालोनी स्थापित करता है ताकि गरीबों को ढंग सके। यह अवैध कालोनी के इस नासूर का नासिर है ना “पैर”, लेकिन बेल (जमानत लेने का इल्म (ज्ञान) है इसलिये “बेल इल्म” के चलते ये नासूर बेखौफ है। शहर में खुलेआम घूम रहा कासलीवाल सभी की नजरों के सामने बेखौफ घूम रहा है। पुलिस के लिये सिर्फ कागजों पर फरार है और लगता पुलिस के आशीर्वाद से यह कासलीवाल अग्रिम जमानत लेने में सफल हो सकता है और पीड़ित परिवार ने कासलीवाल की गिरफ्तारी न होने से घबराकर हत्या की आशंका भी जताई है।

कलम न रूकेगी, न डरेगी……… अब अगले अंक में मिलेंगे सिंहस्थ क्षेत्र में कासलीवाल की कारगुजारियों के साथ……….तो इंतजार करिये………..

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