आखिर रिकार्डेड आदमी के सरकारी जमीन हड़पने पर भी क्यों मौन है जिम्मेदार

कट्टरवादी भू माफिया को संरक्षण दे रही भाजपा सरकार

उज्जैन यूं तो कहने को मुख्यमंत्री भू माफिया, नशा माफिया सहित विभिन्न माफियाओं की कमर तोड़ने का दावा करते है लेकिन उनके मातहत कार्यवाही में पारदर्शिता रखने की बजाय छोटे-छोटे माफियाओं को तो निशाना बना लेते है लेकिन बड़े माफियाओं पर कार्यवाही करने से पीछे हट जाते है। खैर हो सकता है कि शासन प्रशासन पर इन माफियाओं का दबाव हो, प्रभाव हो या अर्थपूर्ति भी एक कारण हो सकती है। लेकिन इसकी प्रबलमत संभावना है कि सत्ता पक्ष के संरक्षण के बिना माफिया न तो पनप सकता है और न ही बचा रह सकता है इसलिये सत्तारूढ़ दल भी माफियाओं को संरक्षण देने से अछूता नहीं रहा है।

रफीक और मुन्ना बने पुलिस जीवाजीगंज के अपने मुन्ने

उज्जैन शहर के वार्ड क्र.8 में व्यास का बाग स्थित है जिसका मनमाना नामकरण करते हुए भू माफिया रफीक, मुन्ना ने सरकारी जमीन पर ही कालोनी काट दी। इस मामले में पुलिस थाना जीवाजीगंज उज्जैन में अक्टूबर 2022 में नगर पालिका अधिनियम की धारा 292सी में प्रकरण तक दर्ज कर लिया, लेकिन पुलिस के कृपापात्र रफीक और मुन्ना को अपने मुन्ने की तरह बचाते हुए पुलिस जीवाजीगंज ने सरकारी जमीन का उल्लेख करते हुए धोखाधड़ी, कूटरचित दस्तावेज की धाराएं नहीं लगाई।

सरकारी जमीन पर चल रही अवैध पार्किंग

व्यास का बाग स्थित सरकारी जमीन पर पुलिस जीवाजीगंज के कृपापात्र ये दोनों मुन्ने अवैध रूप से पार्किंग चला रहे है जहां पर दर्जनों मेजिक सहित अन्य वाहन खड़े रहते है। इस हेतु इन्होंने शासन, प्रशासन से कोई अनुमति नहीं ली है और न ही राजस्व अदा करते है।

अवैध टाटा मैजिक वाहनों की जांच आवश्यक

इस सरकारी जमीन पर पार्क होने वाले टाटा मैजिक वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है जिन पर ज्यादातर वाहनों पर प्रभु के एक ही श्याम का नाम लिखा है। आखिर एक ही आदमी के पास इतनी टाटा मैजिक वाहन कहां से आई है इस पर आयकर विभाग व गृह विभाग को जांच करना चाहिए। इस श्याम का नाम सत्ताधारी दल से जुड़ा होने से प्रशासन कार्यवाही करने से कतराता है और अर्थपूर्ति कर पीछे हट जाता है।

प्रकरणों का अंबार, फिर भी सरकार नहीं हुई असरदार

रफीक और मुन्ना के खिलाफ कई आपराधिक प्रकरण दर्ज है। इसमें कई

संगीन अपराध भी शामिल है। लेकिन सरकारी जमीन हड़पने, इस पर अवैध

कालोनी काटने, अवैध पार्किंग संचालित करने के बावजूद पुलिस के कृपापात्र इन

मुन्नों के खिलाफ जिलाबदर, रासुका की कार्यवाही नहीं की जाती। जबकि ये बेहद

कट्टरवादी और रिकार्डेड हैं।

आखिर क्या कारण है कि इतने रिकार्ड के बावजूद कट्टरवादी इन मुन्नों के खिलाफ मुख्यमंत्री कार्यवाही करने से कतरा रहे है जबकि मुख्यमंत्री कट्टरता की नर्सरी को जड़ उखाड़े फेंकने का दावा करते है। लेकिन ये दावे खोखले है। कट्टरता की नर्सरी आज भी बरकरार है और उसे उखाड़ने को मुख्यमंत्री के आदेश का इंतजार है लेकिन ये आदेश मुख्यमंत्री के इस कार्यकाल में आयेगा या नहीं, यह ईश्वर की जाने ।

सूत्रों से जानकारी तो ये भी सामने आई है कि इन मुन्नों की वकालत करने में नाकाम हुई कांग्रेस के बाद अब भाजपा के नुमाइंदे इनको संरक्षण दे रहे है। याने दोनों पार्टियां भू माफिया को संरक्षण देकर खुद ही अपना चेहरा बेनकाब कर रही है।

अब आस है ईमानदार, निर्भीक अधिकारियों से, जो अपने कर्तव्य का बेहतर निर्वहन करते हुए इस भू माफिया के खिलाफ कार्यवाही करें।

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