उज्जैन जब भी गायों को पकड़ने नगर निगम का अमला निकलता है तो पता नहीं वह कौन सा *दूत्त* है जो गायों के मालिकों को बता देता है कि इन इन जगहों और इतनी बजे गायों को पकड़ने नगर निगम गैंग जाएगी बस फिर शुरू हो जाता है सारा खेल निगम की गाड़ी को घेरकर और उसके आगे पीछे चल कर यह गायों के मालिक अपने-अपने गायों को निगम की टीमों से बचाने में जुट जाते हैं और जहां भी इनकी गाय दिखती है पहले ही रुक कर उसे यह भगा देते हैं परंतु इस सब खेल में आम जनता को इसका खामियाजा उठाना पड़ता है क्योंकि यह गायों के मालिक इतनी तेज गति से अपना वाहन चलाते हैं कि सामने वाला इंसान अपनी गाड़ी को एक तरफ खड़ी करने पर मजबूर हो जाता है परंतु कहीं ऐसा ना हो जाए कि किसी दिन यह गायों के मालिक किसी राहगीर की जान ना ले ले क्योंकि अक्सर देखा जाता है कि जब इनसे कोई व्यक्ति यदि कहता है कि भाई गाड़ी धीरे चलाओ या में गिरते गिरते बच गया तो यह उससे भी अभद्रता करने से बाज नहीं आते बाहर हाल जो भी हो हमारे प्रशासन को यदि उज्जैन को क्लीन सिटी बनाना है तो जल्दी से जल्दी इस पर कोई निर्णय लेना पड़ेगा या कोई सख्त कानून इन गायों मालिकों को पर बनाना पड़ेगा क्योंकि यही लोग गौ माता और सनातन धर्म का अपमान कर रहे हैं यदि आप गाय पालना चाहते हैं तो अपने घर आंगन में पाले या उन्हें ऐसे ही खुले मैं कूड़ा करकट खाने के लिए ना छोड़े