सम्पादकीय वाणी

भाजपा द्वारा नगर, प्रदेश में निकाली जा रही विकास यात्रा अटलजी के शाइनिंग इंडिया की तरह आत्ममुग्ध भाजपा की परछाई नजर आ रही है जो सच्चाई से कोसों दूर होकर आम जनता को पहुंच से दूर है। देखने में आ रहा है कि प्रदेश के कई गावों, शहरों में यात्रा ऐसे क्षेत्रों से नहीं निकल रही जहां पर वाकई जनता परेशान है समस्या से ग्रसित है इसकी बजाय दिखावटी तौर पर अन्य क्षेत्रों से यात्रा निकालने की नौटंकी कर भाजपा खुद की पीठ थपथपा रही है जबकि आम नागरिक, किसान हाहाकार कर रहा है। भाजपा इस सच्चाई से रूबरू होने को तैयार नहीं है कि प्रदेश का जन-जन परेशान, हलाकान है और उनका जीवन अब आसान नहीं हुआ है और महंगाई, सरकारी मशीनरी के भ्रष्ट तंत्र और मिलावट के जहर से उनका जीवन नमय बना हुआ है। खास तौर से गांवों की बात की जाए और इसकी ग्राउंड रिपोर्ट बनाई जाए तो किसानों की आंखों में आंसू है इनकी सुनवाई करने वाला कोई नहीं है। वैसे इसके लिये सिर्फ भाजपा जिम्मेदार नहीं है बल्कि सशक्त विपक्ष की भूमिका अदा करने में असफल कांग्रेस भी बराबर की जिम्मेदार है जिले में 7 में से 4 विधायक कांग्रेस के होने के बावजूद भाजपा का पलड़ा हर जगह भारी रहता है और कांग्रेस विधायक मुखर होने की बजाय मौन रहते है। क्या इन चुने हुए जनप्रतिनिधियों का यह रवैया सही है। शर्म का विषय है कि कांग्रेस के जनप्रतिनिधि विरोध करने की बजाय नूरा कुश्ती कर रहे है। यह लोकतंत्र के लिये घातक विषय है। अब समय जनता के आगे आने का है और जनता को ऐसे जनप्रतिनिधियों को अब राजनीति से सन्यास की स्थिति में लाना होगा।

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