इंदौर में सात साल की बच्ची की हत्या करने वाले युवक सद्दाम को फांसी की सजा सुना दी गई। पांच माह में 23 लोगों की कोर्ट में गवाही हुई। नानी के यहां रहने आई बच्ची की बर्बरतापूर्वक आरोपी ने हत्या कर दी थी। वारदात के बाद लोगों के गुस्से को देख पुलिस ने आरोपी के मकान पर बुलडोजर चलाकर उसे तोड़ दिया था।

जिला अभियोजन अधिकारी संजीव श्रीवास्तव व सुशीला राठौर ने बताया कि विशेष न्यायधीश सुरेखा मिश्रा ने आरोपी सद्दाम उर्फ वाहिद को फांसी की सजा सुनाई है। इस मामले में 23 गवाह कोर्ट में पेश हुए थे। जिसमें 12 साल के बच्चे की गवाही को अहम माना गया। सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष के वकील ने आरोपी सद्दाम को मानसिक रूप से विक्षिप्त बताकर अदालत से दया दिखाने की गुहार लगाई थी। लेकिन कोर्ट ने इसे गंभीर प्रवृत्ति का अपराध माना और उसे फांसी के लायक ही बताया।

वकील ने सद्दाम को बताया विक्षिप्त तो कोर्ट ने कराए टेस्ट

कोर्ट में बचाव पक्ष के वकील ने कई बार सद्दाम के मानसिक रोगी होने की बात कही। अपनी दलील के पक्ष में वकील ने कुछ डॉक्यूमेंट भी पेश किए। लेकिन कोर्ट ने डॉक्टरों की टीम से पूरी तरह से सद्दाम का परीक्षण करवाया था। कई सवालों के जवाब सद्दाम से पूछे गए और उसके कई तरह के टेस्ट लिए गए। सभी रिपोर्ट में उसकी सोचने समझने की क्षमता एक स्वस्थ व्यक्ति जैसी ही निकली। जिसके तथ्य कोर्ट में पेश किए गए थे।

आरोपी सद्दाम। ये उसी वक्त का फोटो है जब उसने बच्ची की हत्या कर दी थी। भीड़ ने उसे पकड़कर पुलिस को सौंप दिया था।
पांच माह पहले हुआ पूरा घटनाक्रम जान लीजिए

घटना पांच माह पुरानी है। 23 सितंबर 2022 को आजाद नगर थाना क्षेत्र निवासी 7 साल की मासूम को पड़ोसी सद्दाम घर के बाहर खेलते हुए उठाकर कमरे में ले गया। उसने घर का दरवाजा बंद कर दिया। बच्ची रो रही थी। उसके चिल्लाने की आवाज सुनकर पड़ोसी भी वहां पहुंच गए। आरोपी सद्दाम ने चाकू से एक के बाद एक उस पर तीन वार कर दिए। लोगों ने सद्दाम के घर का दरवाजा खटखटाना शुरू किया। काफी देर बाद उसने दरवाजा खोला। उसके हाथ में खून से सना चाकू था। वह रहवासियों को चाकू दिखाते हुए जान से मारने की धमकी देकर भागने लगा। लेकिन यहां लोगों ने सद्दाम को पकड़ लिया और पीटकर पुलिस के सुपुर्द कर दिया।

ये हुआ था उस दिन… जमकर बरपा था हंगामा, पुलिस ने भांजी थी लाठियां
बच्ची को रहवासी अस्पताल ले गए थे। लेकिन उसकी मौत की सूचना के बाद जमकर हंगामा बरपा था। सद्दाम यहां मानसिक रोगी का बहाना कर बच जाता था। लोगों ने अपने इलाके की ही अन्य बच्चियों से छेड़छाड़ का आरोप भी लगाया था। सभी ने सद्दाम को फांसी देने की मांग करते हुए थाने का घेराव करने की कोशिश की थी। पुलिसकर्मियों से इस दौरान मारपीट की गई। पुलिस ने जमकर लाठिया भांजी थीं। इसके बाद काफी फोर्स इलाके में तैनात किया गया था।

पांच घंटे बाद ही पुलिस ने ढहा दिया था घर

बच्ची की हत्या सुबह 11 बजे के लगभग की गई थी। जिसके बाद 4 बजे नगर निगम की टीम आरोपी सद्दाम के घर पहुंची। नगर निगम की टीम ने सद्दाम का अवैध रूप से बना मकान तोड़ दिया था। आरोपी सद्दाम के परिवार के लोगों ने नगर निगम की टीम पर पथराव किया। इस घटना में निगम के अफसरों की गाड़ियों में टूट-फूट हुई थी। पुलिस ने इलाके में दो दिन तक फोर्स भी तैनात रखी थी।

अवैध मकान तोड़ने का विरोध करने पर पुलिस ने डंडे बरसाए थे।
सद्दाम के पिता की हो चुकी मौत, घर में मां और दो भाई

सद्दाम के पिता की काफी समय पहले मौत हो गई थी। मां काम पर जाती थी वहीं दोनों भाई भी नौकरी करते हैं। सद्दाम इलाके में घूमता रहता था। उसके पास कोई काम नहीं था। पुलिस ने अपनी जांच में यह भी बताया था कि बच्ची के साथ गलत हरकत करने के चलते आरोपी उसे उठाकर ले गया था।

शरीर की ऐसी कोई जगह नहीं जहां सद्दाम ने मासूम को चाकू न मारा हो

कोर्ट में मासूम का पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर के बयान भी अहम साबित हुए। एमवाय अस्पताल में पीएम करने वाले डॉ. पराग मौर्य ने कहा कि मैंने बच्ची का परीक्षण किया। उसके शरीर का ऐसा कोई हिस्सा नहीं था, जहां पर चाकू से किए वार का घाव न हो। बच्ची पर 29 बार चाकू से वार किए गए थे। चेहरा, गर्दन, पीठ, पेट, सीना, पैर सहित अन्य अंगों पर चाकू के घाव दिख रहे थे।

गिरफ्तारी के वक्त भी मेडिकल जांच में बिल्कुल फिट था सद्दाम

बच्ची की हत्या के बाद पुलिस ने आरोपी सद्दाम को गिरफ्तार किया था। तब डॉ. पुरुषोत्तम ने आरोपी सद्दाम का मेडिकल परीक्षण किया था। डॉक्टर ने बयान दिए कि सद्दाम मानसिक रूप से बिल्कुल फिट है। मैंने उससे बात की तो उसने सभी सवालों के सही जवाब दिए। बच्ची जिस स्कूल में पढ़ती थी, वहां की प्रिंसिपल के भी बयान हुए थे।

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