फर्जी तरीके से नामांतरण की धांधली सामने आने पर भू माफियाओं ने पीडित परिवार और उनके अभिभाषक को गायब करवाने की धमकी दी बार एसोसिएशन तत्काल संज्ञान लेकर भू माफिया के विरुद्ध कराए कार्यवाही

उज्जैन, संवाददाता, आरके डेवलपर्स शहर का चर्चित नाम है जो कि हमेशा विवादों, अनियमितताओं, फर्जीवाड़ों के लिये जाना जाता है। इस फर्म के भागीदार राकेश अग्रवाल पिता श्री कन्हैयालाल अग्रवाल निवासी 403 प्रीमियम ब्लॉक 5. शामिलार टाउनशिप, ए.बी.रोड, इंदौर, कार्यालयीन पता 201, सनशाईन टॉवर, तीनबत्ती चौराहा, उज्जैन ने नया कारनामा करते हुए भूमि सर्वे क्रमांक 143/3/2 रकबा 0.200 हेक्टेयर स्थित ग्राम हामूखेड़ी, तहसील कोठीमहल जिला उज्जैन को भूमि स्वामी श्रीमती सम्पतबाई पति स्व. श्री लक्ष्मण जाति बलाई से क्रय कर लिया है और खसरा नकल के कॉलम नं. 12 में दस्तावेज विकय पत्र ई पंजीयन कमांक एमपी4302202251764469 दिनांक 20.07.2022 द्वारा उक्त भूमि को राकेश अग्रवाल की फर्म द्वारा कय करना दर्शाया गया है।

ये है मुख्य मामला

आपको लगेगा कि जमीन खरीदना कैसे कारनामा हो गया तो कारनामा ये है कि राकेश अग्रवाल ने जमीन जिस सम्पतबाई से खरीदी है उनका निधन दिनांक 4 अक्टूबर 2003 को हो चुका है। याने करीबन 20 साल पूर्व मर चुकी महिला से राकेश अग्रवाल ने जमीन खरीदकर रजिस्ट्री करवा ली है। खैर उक्त रजिस्ट्री में विक्रेता के हस्ताक्षर सम्पतबाई ने नीचे आकर किये है या फिर राकेश ने उपर जाकर करवाये है ये ईश्वर ही जाने या फिर रजिस्ट्री पर दस्तखत ही फर्जी हो गये है। इस बहुमूल्य 1 बीघा भूमि को हड़पने की साजिश करने वाले राकेश अग्रवाल द्वारा पीड़ित परिवारजनों कैलाश बोडाना, केशरसिंह, प्रहलाद बोडाना, राजाराम बोडाना, कुसुम, पार्वती, राधा को जातिगत अपमानित कर डराया धमकाया जा रहा है कि तुमने जो आपत्ति ली है वो वापस कर दो वरना तुमको और तुम्हारे वकील को गायब करवा दूंगा।

गौरतलब है कि उक्त सम्पतबाई के उत्तराधिकारियों उपरोक्त बोड़ाना परिवारजनों ने इस फर्जी रजिस्ट्री के आधार पर तहसील में पेश नामांतरण प्रकरण पर आपत्ति अपने अभिभाषक लक्ष्मीनारायण गंधर्व के माध्यम से आपत्ति ली गई है। इससे राकेश अग्रवाल बौखला गया है।

यहां यह भी बताना उचित होगा कि उक्त बोड़ाना परिवारजनों ने भूमि सर्वे क्रमांक 142 / 3 / 2 एवं भूमि सर्वे क्र.142/4 को ही उक्त फर्म को विक्रय किया है लेकिन भूमि सर्वे क्रमांक 143/3/2 का सौदा किसने और कैसे कर दिया यह यक्ष प्रश्न बन गया है।

यहां यह साफ है कि राकेश अग्रवाल ने मर चुकी महिला की जमीन खरीदने के मामले में निश्चित ही कूटरचना कर कूटरचित दस्तावेज तैयार किए होंगे आखिर उक्त दस्तावेजों की जांच की जाना सर्वप्रथम आवश्यक हो गया है।

मामला अब और गंभीर हो गया है कारण कि पीड़ित परिवार और उनके वकील को गायब करने की धमकी देने वाले उक्त राकेश अग्रवाल व इनके भागीदार अब पत्रकार की कलम को रोकने के लिये मेरे सहित इस मामल को उठाने वाले पत्रकार बंधुओं को भी गायब कर उनकी हत्या करवा सकते है ऐसी आशंका बन गई है। दुःख का विषय है कि पीड़ित को न्याय दिलाने के लिये लड़ने वाले वकील साहब की जान पर बन आई है।

बार एसोसिएशन उज्जैन के अध्यक्ष अशोक यादव को इस मामले पर संज्ञान लेकर त्वरित कार्यवाही कर भू माफिया से अभिभाषक लक्ष्मीनारायण गंधर्व की सुरक्षा कराने सहित उक्त फर्जीवाड़े की वरिष्ठ स्तर से जांच करवाकर पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की पहल करें।

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