मेले के खेले में फंसा कर कईयों को लगाई करोडों की चपत….
बदहाल व्यवस्था की उस व्यथा को देखिए जिसमें जिम्मेदार खुद नहीं चाहते कि बदहाल व्यवस्था दुरुस्त हो…हालात ये हैं कि सेटिंग की पटरी पर फ़रारी की गाड़ी में सवार हो कर व्यवस्था को मुँह चिढ़ाते ये अर्थपिशाच बाघड़बिल्ले स्वयं को भगवान समझ लेते हैं…और निजी ज़मीनों के साथ सरकारी ज़मीनों को खैराती समझ कर उन पर भी अपनी कारगुजारी दिखाते हुए भोले भाले लोगों को लूटने से गुरेज़ नहीं करते हैं…हद तो तब हो जाती है जब अपनी ही बिरादरी वालों को लूटने वाले इन खूंखार अर्थभक्षी भेड़ियों को बचाने में स्वयं व्यवस्था के चौकीदार भी इनके रंग में रंग जाते हैं और धोखबाजी के इस खेले में हिस्सेदार बन बैठते हैं….आख़िर इस तरह से कैसे होगी व्यवस्था दुरुस्त….
मेले के खेले में फँसाते हैं अपने शिकार को….
झाँसेबाज भोलेभाले लोगों का शिकार प्रॉपर्टी मेलो में करते हैं…लोगों को लोकलुभावन झांसे दे कर पहले उन्हें फँसाते हैं और जब शिकार इनके जाल में फंस कर इनके कहे अनुसार जिंदगी भर की सारी जमा पूंजी एक अदद आशियाने के सपने के लिए इन्हें सौंप देता है…तो येअपने मंसूबों में कामयाब हो कर पैंतरा बदल लेते हैं और इनकी ठगी का शिकार दर दर की ठोकरें खाने को मजबूर हो जाता है…इनके और व्यवस्था के जीम्मेदार चौकीदारों के चक्कर काट काट कर चिकरघिन्नी हो कर या तो थक हार कर चुप हो कर अपनी क़िस्मत को कोसता है या फिर लड़ने वाला होता है तो बरसों बरस लड़ता भी है…और उसे माननीय न्यायालय से न्याय भी मिलता है…लेकिन कुल मिला कर प्रॉपर्टी मेलों के झमेले में पड़ने से बेहतर है कि पहले ऐसे झाँसेबाजों की हक़ीकत की तहक़ीक़ात करके ही किसी संपत्ति की खरीद फ़रोख्त की जाए…. नारायण कुंज के झाँसेबाजों ने भी एक नहीं कई बार मेलों में ही अपनी खुराफ़ाती कारगुजारी का जादू दिखा कर लोगों को फंसाया और करोड़ों हजम कर गए….
मेलों के सहारे होती लुटबाजी….
आप सुधि पाठकों ने देखा पढा और सुना भी होगा कि फ़ंला जगह पर प्रॉपर्टी फेयर या प्रॉपर्टी मेला लगा है जिसकी ओपनिंग मंत्री सन्त्री, विधायक नेतानगरी के साथ ही कभी कभी आला अफ़सर भी करते हैं…और इस मेले का खूब प्रसार प्रचार किया जाता है…मीडिया में विज्ञापन दे कर लोगों को फंसाने के दाने डाले जाते हैं…ऐसा ही कुछ उज्जैन की घट्टिया तहसील के ग्राम पान बिहार में नौ साल पहले “नारायण कुंज” कॉलोनी के झाँसेबाज प्रोजेक्ट में भी किया गया था…. इस लुटेरी गैंग के सरगनाओं किशोर साहू, चन्द्रशेखर राठौर,अजय साहू, पुनीत जैन (सांसद जी वाले नहीं) …जिन पर कई थानों में हर तरह के केस दर्ज हैं….और नारायण कुंज की तरह इन लोगों ने मिल कर कई जगह झाँसेबाजी और धोखाधड़ी के झंडे गाड़े हैं… नारायण कुंज का लोकलुभावन ब्रोशर ऐसा छपवाया गया कि पढ़ते ही व्यक्ति काल्पनिक भावनाओं में सवार हो कर स्वर्ग सी अनुभूति करने लगता है….इस लोकलुभावन ब्रोशर में गार्डन,स्विमिंग पूल,स्पोर्ट एरिना, चौड़ी चौड़ी सड़कें, पार्किंग और वो सारी सुविधाओं को अंकित किया गया जिससे उपभोक्ता प्रभावित हो कर ख़ुद ब ख़ुद खिंचा चला आए….जबकि हक़ीकत में बंजर ज़मीन के सिवा मौके पर कुछ आज भी नहीं है….ये तो चलो बंजर निजी ज़मीन की कहानी है इन अर्थपिशाचों ने तो सरकारी ज़मीनों पर भी अपनी कारगुजारी दिखाने से गुरेज़ नहीं किया…बेख़ौफी से सरकारी ज़मीन पर काट डाली अवैध कॉलोनी और व्यवस्था के जिम्मेदारों ने मिलीभगत यहाँ भी नहीं छोड़ी….
एक ही थाना क्षेत्र में दो वारदातें…
इस खुराफियों की गैंग के सूरमाओं की हिम्मत की दाद देनी चाहिए कि ये अपने मंसूबो को अंजाम बेधड़क और पूरे कॉन्फिडेंस से अंजाम तक ले जाते हैं…नारायण कुंज के घपले के साथ इस ईनामी आदतन आपराधिक गैंग ने देवास रोड को भी अपनी कारगुजारी का अड्डा बनाया… नागझिरी थाना क्षेत्र के हामुखेड़ी में पहले एक कृषि भूमि पर अवैध कॉलोनी काटी जिसमें ख़ाकीधारियों, देश की जांबाज़ सेना के जवानों के साथ ही आम लोगों के साथ धोखाधड़ी की वारदात की…यहाँ पहले तो ख़ाकी ख़ाकी की मदद के लिए तैयार नहीं थी…लेकिन हमने उस वक़्त भी अपना राष्ट्र धर्म निभाते हुए आवाज़ उठाई थी जिस पर नागझिरी पुलिस को मजबूरन ही सही इन बाघड़बिल्लो पर आपराधिक प्रकरण दर्ज करना पड़ा था….इसमें भी इस लुटेरी पल्टन के पुनीत जैन,अजय साहू,राजेश चौहान,जितेंद्र यादव सुनील ख़ामोरा और विजय रायपुरिया पर प्रकरण दर्ज है….इसी तरह इसी क्षेत्र में हामुखेड़ी माता जी के मंदिर के नीचे स्थित एक सरकारी ज़मीन पर भी इस खुराफातियों की गैंग ने लोगों को सरकारी ज़मीन पर जिम्मेदारों के ज़मीर खरीद कर लोगों को प्लाट काट कर लाखों का चूना लगाया है….. इस मामले की जाँच शुरू हो गई है और सम्भवतः फरवरी माह में इस फ़ितरती गैंग पर एक मामला और दर्ज हो जाए….
अब असल कार्यवाही कब होगी इस फ़ितरती गैंग पर…..
ऐसी अर्थभक्षी आदतन खुराफ़ाती गैंग जो अपने कारनामों से कई थाने के रिकॉर्ड में नामज़द हैं….जो असल सामाजिक दुश्मन हैं जिन्होंने लोगों को आर्थिक,शारीरिक,मानसिक प्रताड़ना दे रखी हैं…और जो शहर में आज भी वो सब कुछ कर रहे हैं जो उन्हें नहीं करना चाहिए…. सारे क़ायदों कानूनों को तांक पर रख दिया है….व्यवस्था के जिम्मेदारों को जो मुंह चिड़ा रहे हैं…ऐसे अर्थभक्षी दैत्यों पर कब सटीक कार्यवाही होगी… कब इनके आशियानों को ज़मीदोज़ करके इनके बेख़ौफ ग़ैर क़ायदे क़ानूनी हौसलों को नस्तेनाबूत किया जाएगा…समाज के लिए ख़तरनाक साबित हो रहे ऐसे असामाजिक बाघड़बिल्लो पर रासुका जैसी कार्यवाही होगी…..??????
फिर गया जेल ईनामी बाघड़बिल्ला…..
पान बिहार के “नारायण कुंज” की अवैध कॉलोनी के मामले में प्रकरण क्रमांक 71/2022 में भारतीय दंड विधान की धारा 420,120 बी और 61(ग) में शनिवार को हवालात की हवा खाने के बाद फ़रार ईनामी आदतन अपराधी अजय साहू ने सोमवार को अष्टम जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री शुक्ला के न्यायालय में ज़मानत आवेदन पेश किया था, जिस पर आवेदन पर फरियादियों की आपत्ति के बाद अजय साहू को फिर से श्री कृष्ण जन्मस्थली जाना पड़ा है।अब इस मामले के चार में से दो और आरोपी किशोर साहू और पुनीत जैन (सांसद जी वाले नहीं) बचे हैं जिन पर भी ईनाम घोषित है और वो फ़रार हैं। अब देखना ये है कि इनके गिरेबां तक क़ानून के लंबे हाथ कब पहुँचते हैं….
इनका कहना….
शिकायत मिली है कलेक्टर साहब के यहाँ से आई है….करवा रहे हैं जाँच फौरी तौर पर तो शासकीय ज़मीन ही निकली है…
संतोष टैगोर अतिरिक्त दंडाधिकारी (एडीएम)