मुख्यमंत्री संज्ञान लेकर ठोस कार्यवाही करें

उज्जैन। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान एक ओर भू माफिया को जड़ से उखाड़ने की बात करते है और गुंडा अभियान चलाकर गुंडों के मकान तोड़ने के दावे करते है लेकिन दूसरी ओर उनके मातहत प्रशासनिक अधिकारी ही उनकी घोषणा और दावों को पलीता लगा रहे है। ताजा मामला है कि न्यू इंदिरानगर, नानाखेड़ा उज्जैन का इस मकान

की स्वामिनी कंचनबाई पति स्व. श्री कमल का। कंचनबाई ने 10 वर्ष पूर्व अनुबंध पत्र पर उक्त मकान को खरीदा था जो कि तब भी कच्चा था और अब तक भी कच्चा ही था। करीबन 3 दिन पूर्व उज्जैन जिला, निगम व पुलिस प्रशासन की मनमानी कार्यवाही के चलते मात्र 10 मिनट पूर्व सूचना पत्र देकर उक्त मकान को तोड़ दिया गया। यह मनमानी मौके पर लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई है जबकि मकान तोड़ने के पूर्व पर्याप्त समय प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत अनुसार संबंधित को दिया जाना चाहिए। भारत में ऐसा कोई कानून नहीं है कि किसी भी व्यक्ति का मकान पुलिस रिकार्ड होने के आधार पर तोड़ दिया जाये।

बेटे की करनी की सजा मां और नानी को मिली

संजय नगर निवासी कमल ने अपनी पुत्री का विवाह 25 वर्ष पूर्व कंचनपुरा निवासी गोवर्धन से किया था करीब एक दशक वैवाहिक जीवन निर्वाह करने के दौरान कमल की पुत्री रानी ने पति और पुत्रों की प्रताड़ना से त्रस्त होकर गोरधन के साथ वैवाहिक जीवन खत्म कर लिया और अपने दोनों पुत्रों से भी नाता तोड़ लिया इस संबंध में रानी का कहना है कि उसका पुत्र कुणाल उर्फ प्रिंस तथा एक अन्य पुत्र अपराधिक प्रवृत्ति के हैं गिन के रिकॉर्ड के आधार पर नगर निगम और पुलिस प्रशासन ने मेरे पिता कमल का मकान ध्वस्त कर दिया जबकि मैं अब किशोर शोध के साथ वैवाहिक जीवन जी रही हूं मेरा पूर्व पति गोवर्धन और दोनों बच्चों से अब कोई नाता नहीं है इसकी यह सूचना भी मैं अखबार में प्रकाशित करवा चुकी हूं ऐसे में मेरी मां कंचन का मकान किस गुनाह की सजा में ध्वस्त किया गया है यह जांच का विषय है

बेटी के पुत्र की करनी की सजा नानी को मिली?एक गरीब का मकान कैसे तोड़ दिया गया यह विचारणीय है।

इतना ही नहीं यह कच्चा मकान टूटने के बाद पीड़ित परिवार कड़कती ठंड में अपने छोटे-छोटे बच्चों के साथ खुले में सोने को मजबूर है। आश्चर्य का विषय है कि माह जनवरी 2021 में महाडिक कालोनी अवैध रूप से काटने वाले महाडिक परिवार के सदस्यों पर प्रकरण दर्ज हुआ लेकिन उनके मकान नहीं तोड़े गये। बीते दिनों ग्यास का बाग वार्ड क.8 उज्जैन के एक अवैध कालोनाईजर रफीकउद्दीन कुरैशी के खिलाफ भी प्रकरण दर्ज हुआ जो कि प्राप्त जानकारी अनुसार हत्या सहित अन्य प्रकरणों आदि में आरोपी रह चुका है लेकिन इस आरोपी की अब तक गिरफ्तारी नहीं हुई जबकि इसके खिलाफ अवैध कालोनी काटने का मामला म.प्र. नगर पालिका अधिनियम की धारा 292सी के तहत दर्ज हो चुका है। आखिर कुछ गुंडों, अपराधियों पर प्रशासन मेहरबान है और गरीबों को परेशान कर रहा है जबकि पीड़ित महिला कंचनबाई के खिलाफ कोई प्रकरण तक दर्ज नहीं है।

पुलिस, नगर निगम और जिल प्रशासन बड़े भू माफियाओं, अपराधियों के खिलाफ कार्यवाही नहीं करता और जो कार्यवाही करता है वह दिखावटी होती है उनके पूरे मकान नहीं तोड़े जाते, ऐसे उज्जैन में दर्जनों उदाहरण है जो कि रसूखदार है परंतु गरीबों के कच्चे मकान तोड़कर प्रशासन खुद की पीठ थपथपाकर खुश होता है जो कि लानत से भरी खुशी है।

गरीबों की बद्दुआ लेकर आज तक कौन बच पाया है जो ये पक्षपात करने वाले जिम्मेदार बच सकेंगे।

इन सभी के बीच प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान से अपेक्षा है कि वे ऐसी पक्षपातपूर्ण, मनमानी कार्यवाही पर संज्ञान लेकर इस पक्षपात को समाप्त कर निष्पक्ष कार्यवाही करें और सभी के साथ समान कार्यवाही की जावें वरना एक प्रदेश में दो कानून की कहावत चरितार्थ होगी और इसके लिये प्रदेश के मुखिया को भी जिम्मेदार मानकर जनता आगामी विधानसभा, लोकसभा चुनाव में इसका करारा जवाब देगी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here