उज्जैन में कई दिनों से रिश्वतखोरी से कई मामले सामने आ चुके हैं परंतु अभी तक इस पर शासन प्रशासन अभी तक कोई अंकुश नहीं लगा पाए रिश्वतखोरी के मामले में लिप्त कई पुलिसकर्मी ऑन ड्यूटी घूम रहे हैं या मामला भी उज्जैन जिले के नानाखेड़ा थाने का है थाने में बैठे एसआई साथ ही थाना प्रभारी पर आरोप है कि रिश्वतखोरी के नाम पर ₹400000 की रिश्वत ली है जिस काम के लिए रिश्वत ली है वह काम भी ईमानदारी से नहीं क्या फरियादी मनीष आंजना ने पत्रकार वार्ता में बताया कि नानाखेड़ा थाना प्रभारी ओम प्रकाश अहीर ने हमसे रिपोर्ट लिखवाने के नाम पर ₹300000 की डिमांड की थी जिसकी रकम आंजना परिवार ने अदा भी की परंतु थाना प्रभारी द्वारा फरियादी पक्ष की पैसे लेने के बावजूद भी कोई सुनवाई नहीं की गई ?
भगत के बस में है अपराध
मामला नहीं यहीं नहीं रुका था कि नानाखेड़ा थाने पर जिनके कंधे पर लगे हैं 2 स्टार क्षेत्रवासी मानते हैं भगत के वश में है अपराध ऐसे एसआई रामलाल भगत ने भी रिश्वतखोरी की हद पार कर दी चिंतामन क्षेत्र से फरियादी को पकड़ा आरोपी बना दिया था जिसकी उन्हें मोटी रकम के रूप में ₹100000 रुपए की रिश्वत ली थी पर फरियादी पक्ष यहां पर यह भूल गया कि इमानदारी का जमाना नहीं है लाखों रुपए जेब में फरियादी गया जेल में
वोटर के साथ-साथ मामा ससुर भी है मंत्री जी
जब फरियादी पक्ष ने इस पर आवाज उठाने की कोशिश की फिर थाना प्रभारी ने जवाब देते हुए कहां की मंत्री जी मेरे मामा ससुर हैं यह धमकी देते हुए कहा मेरे थाने में बहुत अपराध पेंडिंग पर हैं झूठा मुकदमा दर्ज कर तुझे अंदर करा दूंगा
न्याय की गुहार जिला पुलिस अधीक्षक के द्वार
अब फरियादी रिश्वत करो के खिलाफ उज्जैन जिला पुलिस अधीक्षक के पास अपनी आपबीती बताने पहुंचे अब प्रश्न यह उठता है कि क्या जिला अधीक्षक इन पर कोई कार्रवाई करते हैं या फिर फरियादी को न्याय के लिए प्रदेश अध्यक्ष नरोत्तम मिश्रा को ज्ञापन देना होगा??
हे राम रिश्वत से होता है सब काम
क्या मध्य प्रदेश की सरकार के पास कोई कमाई का आसार नहीं बचा है जो पीड़ित परिवारों से रिश्वतखोरी का खेल चला रहे हैं बहुत समय पूर्व से चली आ रही यह परंपरा जो सुर्खियों में तो रहती है परंतु ज्यादा समय तक नहीं चल सकता क्योंकि नेताओं का संरक्षण सदैव इनके साथ रहता है रिश्वतखोरी चलाती है थाना खाना चलाता है सरकार???