उज्जैन 07 फरवरी। हम सब जानते हैं कि घर पर बनी खाद को ‘काला सोना’ कहा जाता है क्योंकि यह पेड़-पौधों के लिए गोबर की खाद से भी ज्यादा फायदेमंद होता है। आज हम बात कर रहे हैं वार्ड क्रमांक 15 गीता कालोनी निवासी शाश्वत पांचाल की जिन्होंने होम कंपोस्टिंग को अपनाते हुए विगत कई वर्षों में अपने घर में खाद बनाते हुए होम कंपोस्टिंग को सफलतापूर्वक अपनाया है। घर पर बनाई इस खाद को शाश्वत अपने घर के गमलो मे डालते हैं। गमलों में वह जो कुछ भी खाद, फर्टीलायजर डालते हैं, सब घर पर ही तैयार होता है। उनका आधे से ज्यादा काम तो खाद ही कर देता है क्योंकि इसमें सभी तरह के मिनरल्स और पोषक तत्व होते हैं। इससे पौधों की ग्रोथ अच्छी होती है। सब्जियां और फल पौष्टिक होते हैं।
उन्होंने बताया कि पेड़-पौधों की मिट्टी तैयार करते समय भी होमकम्पोस्टिंग से बने खाद को मिलाते हैं। इससे पौधों को पोषण तो मिलता ही है, साथ ही कचरे की समस्या भी हल हो रही है। साथ ही घर से निकले सूखे कचरे जैसे प्लास्टिक के डब्बे, बोतल इत्यादी का पुनःउपयोग कर सुन्दर गमले तैयार करते हैं एवं उन्हीं में पौधे लगाते हैं।









