सूदखोरी के मामले में पुलिस ने फरियादी पर कोई रहम नहीं खाया, मानसिक प्रताड़ना और जान से देने की धमकियों को किया नदरअंदाज

अवन्तिका के युवराज उज्जैन/ सूरज लाला और कितनों की जान लोगे नामक शीर्षक से आज साप्ताहिक अवंतिका के युवराज समाचार पत्र में खबर प्रकाशित कर जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन का ध्यान शहर में कुकुरमुत्ता की तरह पनप चुके सूदखोरों की ओर आकृष्ट करवाने का प्रयास किया था, खबर का असर देखने को भी मिला एक फरियादी सूदखोर सोनू शर्मा के खिलाफ फरियाद लेकर नीलगंगा थाने पहुंचा भी। पुलिस की मौजूदगी में ही फरियादी को सूदखोर सोनू शर्मा फोन पर धमकाता रहा तब पुलिस ने फरियादी को कहा कि वह उसे बुला ले तब उसे घर पर आने का कहा गया इस पर सूदखोर सोनू शर्मा कृष्णा पार्क कॉलोनी में पैसे की वसूली के लिए पहुंच गया और फरियादी को फिर फोन मिलाकर यहां पहुंचने की सूचना दी और आने के लिए दबाव बनाया। जैसे ही फरियादी यहां पहुंचा सोनू उस पर लपक पड़ा लेकिन पुलिस ने हस्तक्षेप कर सूदखोर सोनू शर्मा को हिरासत में ले लिया और थाने ले आए। जहां थाना प्रभारी तरुण कुरील के समक्ष दोनों पक्षों की सुनवाई हुई और सूदखोर पर पुलिस ने मेहरबानी दिखाते हुए फरियादी की फरियाद को नकारकर 20-20 हजार रुपए के दो चेक बनाकर 2 माह सूदखोर को देने के लिए दबाव बना दिया वहीं सुदखोर के पास फ़रियादी के ब्लैंक चेक थे उन्हें वापस लौटाने के लिए कहकर मामले को ऊपर के ऊपर ही निपटा दिया। हालांकि इस मामले में सुबह दोनों पक्ष को एक बार फिर थाने पर बुलवाया गया है।
वैसे इस मामले में फरियादी के रूप में राघव श्रीवास्तव निवासी कृष्णा पार्क कॉलोनी जब थाने में सूदखोर सोनू शर्मा निवासी राज रॉयल कॉलोनी व्यापार स्थल कोतवाली थाना अंतर्गत बम्मन वाडा निजातपुरा के खिलाफ सप्रमाण शिकायत के साथ पहुंचा और थाने में भी सूदखोर की अश्लील गालियों को पुलिस की मौजूदगी में दिनभर सुनता रहा ऐसे में पुलिस को सोनू शर्मा के विरुद्ध सूदखोरी की धारा तथा मानसिक रूप से प्रताड़ना देना और जान से मारने की नियत के साथ फरियादी के घर तक पहुंचाना जैसे घटनाक्रम को ध्यान में रखते हुए प्रकरण दर्ज करना चाहिए था। इस मामले में पुलिस ने ऐसा कुछ नहीं करते हुए फरियादी राघव श्रीवास्तव पर ₹40000 का और लेनदेन बकाया बताते हुए उसे सोनू शर्मा को लौटाने के लिए समय दिलवा दिया। जबकि इस प्रकरण पर गौर फरमाने योग्य बात यह है कि सोनू शर्मा ₹10000 के लेनदेन में ₹2000 साप्ताहिक ब्याज की वसूली करता है और सप्ताह में ब्याज नहीं मिलने पर 500 से ₹700 की पेनल्टी अलग से लगता है कुल मिलाकर ₹10000 के लेनदेन में 10000 के एक माह में 18000 रुपए कम से कम वसूल करता है। इस तरह का ब्याज का गोरख धंधा करने वाला सोनू शर्मा आखिरकार खबर के असर के चलते पुलिस के हत्ते तो चढ़ा लेकिन पुलिस को “गुमराह” कर साफ-साफ बच निकला। ऐसा जादू क्यों हुआ और इसके पीछे क्या कारण रहे की पुलिस पीड़ित पक्ष को न्याय दिलाने की बजाय सूदखोर पर मेहरबानी दिखा गई। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को इस मामले में अवंतिका के युवराज समाचार पत्र की खबर के माध्यम से संज्ञान लेकर शहर में बन चुके सूदखोर के गोरख धंधे पर शिकंजा करने की जनहित में आवश्यकता है। सूदखोरों की वसूली से परेशान कई लोग असमय काल का ग्रास बन चुके हैं। समय रहते प्रशासन इस और ध्यान नहीं देगा तो इसी तरह से लोगों की जान जाती रहेगी। और सूदखोर बेखोफ होकर अपना ब्याज का गोरख कारोबार संचालित करते रहेंगे।









