मामला खंडवा रोड़ के उमरीखेड़ा में काटे गये पांच हजार वर्गफीट के भूखंडों का
इंदौर। एक ओर जिला प्रशासन अवैध कॉलोनी काटने वालों के खिलाफ एफआईआर तक करवा रहा है दूसरी ओर मजबूत राजनीतिक संरक्षण के चलते अभी भी कुछ लोगों पर कार्रवाई नहीं हो पा रही है। इधर अवैध कॉलोनी में रजिस्ट्री कराये जाने के बाद भी भूखंड तो देना दूर की बात अब जमीन पर जाने भी नहीं दे रहे हैं। इस मामले में कुछ लोगों ने जिला प्रशासन को शिकायत करते हुए दस्तावेज सौंपे हैं जिसमे कहा गया है कि खंडवा रोड़ के उमरीखेड़ा पर पांच हजार वर्गफीट के भूखंडों की रजिस्ट्री के बाद भी प्लाट नहीं दे रहे हैं। अब यहां गुंडागर्दी भी शुरु हो गई है।
जिला प्रशासन को दिये दस्तावेजों में बताया गया है कि खंडवा रोड़ पर उमरीखेड़ा में कैलाश पिता कालूराम शर्मा निवासी जवाहर मार्ग द्वारा पांच हजार वर्गफीट के भूखंड पटवारी हल्का नंबर 12 के अलावा 65, 170/1. 171,172/2 पर भूखंड काटे गये थे और इनकी बकायदा रजिस्ट्रीयां भी करवाई गई थी यहां पर उस अवैध कॉलोनी में बिना किसी अनुमति के सड़के बनाकर आधा अधूरा निर्माण दिखाकर यह भूखंड बेचे गये थे।
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इन भूखंडों पर पिछले पांच-छह सालों से कोई काम नहीं हुआ और आधा अधूरा निर्माण भी अब समाप्त हो गया है। वहीं कॉलोनी के कर्ताधर्ताओं ने अब यहां प्लाट खरीदने और रजिस्ट्री कराने वाले लोगों को प्लाट पर जाने से भी रोक लगा दी है। इस मामले में दस से अधिक भूखंड धारियों ने जिला कलेक्टर को काटी गई कॉलोनी के दस्तावेज देते हुए यह बताया कि यह कॉलोनी वैध बताकर बेची गई है और इसकी एनओसी भी नकली है।
अब यहां पर भूखंड पर कब्जा भी नहीं दिया जा रहा है जो तार फेंसिंग प्लाट पर की गई थी वह भी हटा दी गई है। दस्तावेज देखने के बाद अधिकारियों ने भी माना है कि कॉलोनी की कोई अनुमति नहीं है और यह कॉलोनी अवैध है। अब इस मामले में जांच के बाद आगे कार्रवाई की जाएगी। इस मामले में एक प्लाट होल्डर ने बताया कि जब वह अपने भूखंड पर पहुंचा तो उसे जमीन पर बाहर ही रोक लिया गया और उससे प्लाट की चौकीदारी करने के नाम पर लाखों रुपये का हिसाब अलग से बता दिया।