दो दिनो पूर्व से ट्रैफिक सिग्नल बंद होने से शहरवासियों को परेशानी देखनी पड़ रही है।
उज्जैन शहर के नानाखेड़ा मुख्य चौराहे पर ट्रैफिक कंट्रोल के लिए लगाई सिग्नल लाइट पिछले दो दिनो पूर्व से से बंद है। वही जिम्मेदार एक दूसरे की गलती बताकर पल्ला झाड़ रहे है। लाइट बंद होने से शहर की ट्रैफिक व्यवस्था अनकंट्रोल हो रही है। शहर की सबसे व्यस्तम सड़क होने के कारण जाम की स्थिति बन रही है। करीब 4 साल पहले ट्रैफिक सिग्नल्स लगाए गए थे।
मकसद था इस बीजी चौराहे पर बढ़ते यातायात की भीड़ को कंट्रोल करना, जो पूरा नहीं हो पाया। कारण कि लगाने के बाद से ही ट्रैफिक सिग्नल्स अधिकांश समय बंद ही रहे और पिछले दो दिनो पूर्व से तो पूरी तरह से बंद पड़े हैं।
बिगड़ रही उज्जैन शहर की यातायात व्यवस्था
सड़कें चौड़ी कर देने के बाद भी शहर की ट्रैफिक व्यवस्था सुधरने की बजाय दिनों-दिन बिगड़ती जा रही है। कारण पार्किंग वाली खाली जगहों पर प्रभावशाली लोगों के अवैध कब्जे और व्यवस्था सुधारने पर अधिकारियों द्वारा ध्यान नहीं दिया जाना है। पार्किंग स्थल होने पर भी सड़क के बीचों बीच या किनारों पर वाहनों की लंबी कतार लगना इसका प्रमाण है। शहरवासियों का कहना है कि पार्किंग व्यवस्था सुधारने के लिए अफसरों को ध्यान देना चाहिए। खासतौर से महाकाल मंदिर, गोपाल मंदिर, छत्रीचौक, ढाबा रोड और सतीगेट क्षेत्र में।
लोगों को पैदल और वाहन के साथ चलने के लिए सुरक्षित, चौड़ीसड़क एवं वाहन पार्क करने को स्टैंड बनाना सरकार की जिम्मेदारी है। काफी हद तक वह ये जिम्मेदारी निभाती भी है, मगर जिम्मेदारी केवल यहीं खत्म नहीं हो जाती। लोग सड़क पर अतिक्रमण न करें और अपने वाहन पार्किंग स्टैंड पर ही पार्क करें, इसका पालन कराना भी उनका कर्तव्य है। मगर उज्जैन शहर में ऐसा हो नहीं रहा। उज्जैन नगर निगम और स्मार्ट सिटी कंपनी ने बीते कुछ वर्षों में करोड़ों रुपये खर्च कर शहर के सभी प्रमुख मार्गों को चौड़ा किया। सोलह प्रमुख चौराहों-तिराहों पर ट्रैफिक सिग्नल एवं सीसीटीवी कैमरे लगवाए। महाकाल मंदिर, गोपाल मंदिर, चारधाम मंदिर, टंकी चौक, देवासगेट और नानाखेड़ा बस स्टैंड पर वाहन पार्किंग स्टैंड भी बनवाए। बावजूद कई लोग अपना 10-20 रुपये बचाने के लिए व्यावसायिक क्षेत्र की सड़कों के बीच या किनारों पर वाहन पार्क कर दूसरों के लिए मुसीबत खड़ी कर रहे हैं। इस स्थिति से प्रभावित क्षेत्र के दुकानदार भी काफी नाराज हैं। उनका कहना है कि वाहन, पार्किंग स्टैंड में ही पार्क करवाना, यातायात पुलिस और नगर निगम की संयुक्त जिम्मेदारी है। सिर्फ पार्किंग बना देने से काम नहीं चलने वाला। अगर जिम्मेदार अधिकारी इस पर ध्यान दें तो शहर की यातायात व्यवस्था सुधर सकती है।