ऑनलाइन दुकान आवंटन को लेकर दलालों में मची खलबली

उज्जैन l कार्तिक मेले की दुकानों एवं झूलों की ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है इस बार निगम ने कार्तिक मेले की दुकाने एवं झूलो की जगह ऑनलाइन फॉर्म वाले को ही परमिशन दी जाएगी वहीं नगर निगम द्वारा झूले वाले को लिए यहां गाइडलाइन भी रखी गई है, कि जिस झूला संचालक के पास अन्य दूसरे शहर एवं प्रदेशों में लगने वाले 10 साल की रसीदें देना होगी उन झूला व्यापारी को ही कार्तिक मेले में झूले लगाने की परमिशन दी जाएगी इस प्रक्रिया से सही में मेला करने वाले झूलो वालों व्यापारियों को फायदा मिलेगा जिससे कि कार्तिक मेले में दलाली कर रहे दलालों से छुटकारा मिल जाएगा इस प्रक्रिया से नगर निगम को मुनाफा होता भी दिख रहा है इस बार कार्तिक मेले में 700 से अधिक दुकाने लगेगी जो कि सभी दुकाने ऑनलाइन प्रक्रिया से ही दी जाएगी हर साल कार्तिक मेले में नगर निगम को लाखों रुपए का घाटा उठाना पड़ता है परंतु इस बार ऑनलाइन प्रक्रिया से निगम को लाखों रुपए का फायदा होने वाला है फूड जोन की दुकानें वालों को भी फूड लाइसेंस के माध्यम से ही दुकानें आवंटित की जाएगी इस पूरी प्रक्रिया को लेकर कई व्यापारियों में नाराजगी तो कई व्यापारी कुछ भी नजर आ रहे हैं सिंडिकेट लोग ऑनलाइन प्रक्रिया से खुश नहीं होते दिख रहे हैं,
कई सिंडिकेट के व्यापारी संस्थाओं के लेटर दुकाने आवंटित करा लेते हैं और फिर 3 हजार रुपए वाली दुकानें ₹10 हजार रुपए से अधिक में बेचते हुए अपनी जेब भरते हैं, इस बार नगर निगम को एक दुकान आवंटित करने के लिए एक संस्था का लेटर ही माननीय किया जाएगा जिससे कि ओरिजन व्यापारियों को दुकाने का आवंटित होने में परेशानी नहीं उठानी पड़ेगी कई लोग सिंडिकेट के लोग एक ही संस्था के लेटर पर बहुत सारी दुकाने आवंटन करा लेते हैं और फिर उन्हीं दुकानों को महंगे भाव में बाहर से आए व्यापारियों को भेज देते हैं

17 हजार रुपए रखा सिंडिकेट ने भाव
कार्तिक मेले में लगने वाली दुकानों का खर्चा 9 से ₹10 हजार रुपए होगा पहले जो दुकाने 3 हजार रुपए से 5 हजार रुपए में सिंडिकेट के लोगों को मिल जाती थी वहां दुकाने अब इन सिंडीकेट को ₹10 हजार रुपए मैं मिल पाएगी पहले सिंडिकेट के लोग तीन से ₹5 हजार रुपए वाली दुकानों को ₹10 हजार रुपए में बेचते थे इस बाह सिंडिकेट के लोगों ने अपने भाव ₹17 हजार रुपए से अधिक रखे हैं जिससे कि उनको लाखों रुपए का मुनाफा नजर आ रहा है
निगम को ऑनलाइन प्रक्रिया से होगा लाखों रुपए का मुनाफा
उज्जैन शहर में कार्तिक माह में दो मेले का आयोजन किया जाता है एक मेला तो कालिदास अकादमी मैदान में जिला पंचायत द्वारा आयोजित किया जाता है जिसकी शुरुआत देवउठनी ग्यारस को की जाती है वही सालों पुराने लगने वाले कार्तिक मेला का आयोजन नगर निगम करता है, जिस मेले की शुरुआत कार्तिक पूर्णिमा से की जाती है उसके पहले 3 दिनों तक पशुओं का मेला लगाया जाता है जिससे देश और विदेश के व्यापारी खरीदार पशुओं को लेने एवं बेचने के लिए इस मेले में आते हैं, पूरे देश में यहां मेला दो ही जगह पर लगाया जाता है इस पूरे कार्तिक मेले लगाने का खर्च निगम को भी उठाना पड़ता था इस बार ऑनलाइन प्रक्रिया के तहत निगम को लाखों रुपए का मुनाफा होता दिख रहा है जिससे निगम की खस्ता हालत भी कुछ तो सुधरती हुई नजर आएगी

इस बार गुमास्ता का लाइसेंस एवं पुरानी रसीद जरूरी
इस बार कार्तिक मेले की फूड झोन लगने वाली दुकानों के लिए गुमास्ता लाइसेंस अनिवार्य किया है वही बड़े झूले की रसीद की बात की तो टालमटोल किया
आदित्य नगर कार्तिक मेला अधिकारी

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