उज्जैन 12 फरवरी। शनिवार को प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.मोहन यादव देवास रोड स्थित स्थानीय महाविद्यालय में शिक्षा शोध केन्द्र के शुभारम्भ कार्यक्रम में शामिल हुए। इस अवसर पर बतौर विशिष्ट अतिथि विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.अखिलेश पाण्डेय, कुल सचिव डॉ.प्रशांत पौराणिक, श्री वीरेंद्र कुमार लड्ढा, श्री अनिल मारू, श्री नरेंद्र लड्ढा, श्री शांतिलाल जैन, श्री आरयू खान सहित अन्य स्टाफ मौजूद था।

कार्यक्रम का शुभारम्भ मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया गया। मंत्री डॉ.यादव ने इस अवसर पर कहा कि हमारे देश में प्राचीनकाल से ही ज्ञान और धन की कभी कमी नहीं रही। हमारे यहां शिक्षा के दौरान रिसर्च को प्रोत्साहन मिलना चाहिये। हमारे विश्वविद्यालय हर तरह से समृद्ध थे। उन्हें विदेशी आक्रमणकारियों द्वारा ध्वस्त किया गया। शिक्षा नीति समग्र विकास के साथ-साथ सम-सामयिक होना चाहिये। कृषि, खेल, योग को हाल ही में पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है। शिक्षा शोध केन्द्र के माध्यम से हम संसाधनों का बेहतर उपयोग कर सकेंगे। आने वाले समय में उज्जैन पुन: भारत का केन्द्र बनेगा। यहां मेडिकल इक्वीपमेंट पार्क बनाया जायेगा। शिक्षा एक सामाजिक प्रक्रिया है जिसका मूलभूत उद्देश्य ऐसे परिवर्तन की स्थापना करना होता है, जो विद्यार्थी के सामाजिक विकास के साथ-साथ उसके जीवन को भी उन्नतिशील बनाने के दृष्टिकोण से अनिवार्य होती है।

विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.अखिलेश कुमार पाण्डेय ने कहा कि निजी संस्थानों में पीएचडी की सुविधा प्रारम्भ की जाना शिक्षा के क्षेत्र में प्रगति का सूचक है। उच्च शिक्षा और शोध दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं। वर्तमान में समय की आवश्यकता अनुसंधान की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने की है। कुछ निजी महाविद्यालयों में इसी बात को ध्यान में रखते हुए शोध केन्द्र बनाये गये हैं।

कार्यक्रम का संचालन डॉ.अनुराधा सुपेकर और डॉ.मिताली बजाज ने किया। आभार प्रदर्शन डॉ.सुरेखा जैन ने किया।

 

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