गणेश जी की मिट्टी की प्रतिमा बनाने के लिए मिट्टी का वितरण भी किया जाएगा

उज्जैन, 33 कोटी देवताओं मैं प्रथम पूजनीय भगवान गणेश जी की आराधना का हमारे यहां बहुत ही महत्व है और क्यों ना हो बुद्धि प्रदाता भगवान श्री गणेश जी अपने भक्तों की छोटी सी आराधना में ही प्रसन्न होकर अपने भक्तों को वरदान देकर उनका कल्याण करते हैं।
समिति के संयोजक अनिल जैन कालूखेड़ा ने बताया कि मान्यता अनुसार भाद्रपद शुक्ल पक्ष चतुर्थी (गणेश चतुर्थी) 19 सितंबर 2023 को भगवान श्री गणेश जी का 10 दिवसीय आराधना पर्व मनाया जाता है। जिसमें प्रत्येक परिवार में प्रत्येक संस्थानों में और आजकल तो अनेक सार्वजनिक स्थलों पर सार्वजनिक सामाजिक संस्थाओं के द्वारा भी गणेश जी की प्रतिमा स्थापित की जाती है लेकिन हम देख रहे हैं कि विगत कई वर्षों से गणेश जी की परंपराओं को जो की मिट्टी से निर्मित गणेश जी की स्थापना का मान्य प्रावधान है उसके स्थान पर पीओपी जो की एक रसायन से निर्माण किया जा रहा है। पीओपी के कारण जहां पर हमारा पर्यावरण संतुलन बिगड़ा है वहीं पर जब मूर्तियों का विसर्जन होता है तो हमारी भावनाएं भी आहत होती है इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए विगत 10 वर्षों से हम मिट्टी से निर्मित गणेश जी की स्थापना हो इस हेतु हमारे अपने नगर के लगभग 30 सार्वजनिक पंडालों में स्थापित हेतु निशुल्क रूप से मूर्तियां उपलब्ध कराते हैं जो की अपने आप में एक वर्ल्ड रिकार्ड है जो इस शहर के नागरिको के सहयोग से शहर को प्राप्त हुआ है। इसी के साथ घर में विराजित करने हेतु मंगल मूर्तियों के निर्माण स्वयं के हाथ से हो और स्वयं के घर पर उनकी स्थापना हो और उनका पूजन हो जो की शास्त्र सम्मत है इस हेतु संस्था द्वारा कार्यशाला आयोजित कर इसके प्रशिक्षण देकर गणेश जी के प्रतिमा के निर्माण कराए जा रहे हैं यह भी एक कीर्तिमान उज्जैन के खाते में आया है जहां पर वर्ष 2018 में एक साथ 4000 से अधिक विद्यार्थियों एवं समाज सेवीयों के द्वारा अपने हाथ से गणेश जी की प्रतिमा का निर्माण किया गया और अपने घर पर अपने हाथों से निर्मित गणेश जी की स्थापना एवं पूजन करने के उपरांत एक साथ अनंत चतुर्दशी के अवसर पर उनका विसर्जन किया गया । संस्था द्वारा इस वर्ष भी लगभग 350 स्थान पर सार्वजनिक रूप से सार्वजनिक मंडलों में मिट्टी से निर्मित गणेश जी की ही प्रतिमा का स्थापना करेंगे जिनका पंजीयन हो चुका है हम उन सभी संस्थाओं का अभिनंदन करते हैं इसमें हमारे उज्जैन के प्रेस और मीडिया का भी बहुत ही सकारात्मक सहयोग मिलता है और वह भी हमारी संस्था के द्वारा प्रदान किए जाने वाले मिट्टी के गणेश जी की ही स्थापना अपने कार्यालयों पर करते हैं हम उनका भी अभिनंदन करते हैं और हमारे प्रशिक्षकों के द्वारा कार्यशाला का शुभारंभ 10 अगस्त से कर दिया गया है। जो मिट्टी से निर्मित गणेश जी की प्रतिमा बनवाने का प्रशिक्षण प्रत्येक स्कूल, प्रत्येक समाज, शहर की अनेक सामाजिक सार्वजनिक संस्थाओं के माध्यम से यह कार्य करवा रहे हैं। लोकमान्य तिलक महाआयोजन समिति इस पूरे आयोजन में केवल एक सहयोगि की भूमिका में है और इस पूरे धार्मिक – आयोजन को संपूर्ण करने में शास्त्रोक्त करने में पूरे शहर के नागरिक साथ खड़े होते हैं। हम उन सब का अभिनंदन करते हैं।

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