आपके शरीर में मौजूद जीन्स ही आपको खुदकुशी के लिए उकसा सकते हैं। जर्नल ऑफ द अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन की एक हालिया रिसर्च के मुताबिक, आत्महत्या के आइडिया और बिहेवियर का आनुवंशिक संबंध है।

6 लाख लोगों पर हुई रिसर्च
अमेरिका की ड्यूक यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने रिसर्च में अमेरिका के 6 लाख 30 हजार रिटायर्ड युद्ध सेनानियों को शामिल किया। जेनेटिक एनालिसिस के लिए इनके ब्लड सैंपल्स लिए गए। इनमें यूरोपीय वंश के 71.4% पुरुष थे। 19.1% पुरुष अफ्रीकी अमेरिकी थे, 8.1% पुरुष हिस्पैनिक और 1.3% पुरुष एशियन थे। केवल 9% महिलाएं ही थीं।

20% से ज्यादा लोगों की सुसाइड हिस्ट्री
स्टडी में ब्लड सैंपल्स की जांच में हर किसी का जेनेटिक कोड सीक्वेंस किया गया और उससे उनकी मेडिकल हिस्ट्री की तुलना की गई। इसमें पता चला कि 20% से ज्यादा प्रतिभागियों ने कभी न कभी आत्महत्या के बारे में सोचा या फिर ऐसा करने की कोशिश की।

महिलाओं की तुलना में दोगुने पुरुष सुसाइड कर रहे हैं
ये 4 जीन्स सुसाइड के रिस्क को बढ़ाते हैं…

ESR 1: यह महिलाओं में मिलने वाले एस्ट्रोजन हॉर्मोन का रिसेप्टर है। पुराने शोधों में इसका संबंध डिप्रेशन और PTSD से पाया गया है। PTSD को पोस्ट-ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर कहते हैं।
DRD 2: यह डोपामाइन हॉर्मोन का रिसेप्टर है। ये केमिकल खुशी की भावनाओं के साथ ही मूड डिसऑर्डर और अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिव डिसऑर्डर (ADHD) से भी जुड़ा है।
DCC: इसकी मात्रा ज्यादा होने पर लोगों के खुदकुशी करने का जोखिम ज्यादा होता है। इससे नर्वस सिस्टम से जुड़े विकार भी होते हैं।
TRAF 3: ये इम्यून सिस्टम की प्रतिक्रिया को एक्टिवेट करने के लिए जरूरी रिसेप्टर है। हालांकि, यह एंटी-सोशल बिहेवियर और ADHD से भी संबंधित है।
आत्महत्या से सालाना 8 लाख मौतें
रिसर्चर्स का कहना है कि स्टडी से मिली जानकारी से हम ज्यादा से ज्यादा लोगों की जान बचा सकेंगे। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के डेटा के अनुसार, दुनिया में हर साल 8 लाख लोग सुसाइड करते हैं। यानी हर 40 सेकेंड में एक व्यक्ति आत्महत्या कर रहा है। महिलाओं की तुलना में दोगुने पुरुष सुसाइड कर रहे हैं। युवाओं में खुदकुशी करना मौत का बड़ा कारण है।

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