नवीन शिक्षा सत्र की किताबों को बेचा अटाले वाले को
भाजपा पार्षद दल ने किया मामले को उजागर, शिक्षा विभाग की टीम ने बनाया पंचनामा, अटाला दुकान की सील
उज्जैन/ उज्जैन के एक अटाला व्यापारी ने महिदपुर के एक प्रभारी शिक्षक से गीली रद्दी का जखीरा खरीद कर अपनी दुकान के बाहर सड़क पर सुखाने के लिए पटक दिया जैसे ही यह जानकारी भाजपा पार्षद दल के कुछ पार्षदों को मिली वह यहां पहुंच गए और अटाला व्यापारी से पूछताछ करने के साथ रद्दी के जखीरे को खंगालना शुरू किया तो नवीन शिक्षा सत्र 2022-23 की किताबों के साथ साथ स्कूल चलो अभियान तथा आंगनवाड़ी के पोस्टर सहित दस्तावेजों का जखीरा पकड़ में आया। मौके पर ही शिक्षा विभाग की टीम को बुलवाया गया जिसके द्वारा रस्म अदायगी के रूप में पंचनामा बनाने के साथ अटाले की दुकान पर ताला लगवाया गया जबकि नियमानुसार यह मामला पुलिस को सौंपा जाना था और मौके से रद्दी के रूप में बेची गई किताबें तथा अन्य दस्तावेजों को जब तक किया जाना चाहिए था लेकिन इस प्रकरण में ऐसा कुछ भी नहीं किया गया।
यह मामला जीवाजी गंज थाना अंतर्गत चंद का कुआं क्षेत्र में उस समय उजागर हुआ जब अटाला व्यापारी साकिर खान के द्वारा रद्दी के रूप में खरीदी गई नवीन शिक्षा सत्र की किताबों को सुखाने के लिए सड़क पर बोरे के बोरे बिछुवा दिए जिससे उस मार्ग पर गुजरने वाले वाहन और पैदल यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ा ऐसे में किसी ने पार्षद रजत मेहता और गब्बर भाटी आदि को सूचना दे दी। तब भाजपा के चार पार्षद मौके पर पहुंच गए और रद्दी को खंगालना शुरू किया को नवीन शिक्षा सत्र 2022-23 की किताबों को सड़क पर इस तरह फैला हुआ देखकर वह भोचचके रह गए। अटाला व्यापारी से उक्त रद्दी किस से खरीदी गई है जानकारी लेने का प्रयास किया किंतु साकिर खान के द्वारा करीब 2 घंटे तक पार्षद दल को सही जानकारी नहीं दी गई ऐसे में भाजपा पार्षद दल के द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी आनंद शर्मा को मौके पर बुलवाया गया। शिक्षा विभाग की टीम मौके पर पहुंची और यहां सड़क पर फैली भी रद्दी और गोदाम में भरे रद्दी के बोरों को देखकर अधिकारी भी अचंभित रहे। जिला शिक्षा अधिकारी के द्वारा पूछताछ करने पर व्यापारी साकिर खान ने बताया कि वह यह रद्दी 4 दिन पहले महिदपुर के स्कूल से खरीद कर लाया है और इसे देवड़ा नामक प्रभारी शिक्षक ने बेचा है। साकिर खान के अनुसार वह ₹6000 में रद्दी खरीद कर लाया है जबकि मौके पर जितना माल देखा गया वह करीब ₹100000 से अधिक कीमत का था।
यह की गई कार्रवाई
शिक्षा विभाग की टीम मैं यहां पहुंच कर पंचनामा बनाया और गोदाम को सील कर व्यापारी को 11:00 बजे शिक्षा विभाग कार्यालय में बुलवाया है। इस मामले में शिक्षा विभाग के द्वारा गोदाम को सील नहीं किया गया और ना ही रद्दी को जप्त करने की कार्रवाई की गई जोकि विभाग की कार्यप्रणाली को संदेह के घेरे में लाती है। जिला शिक्षा अधिकारी आनंद शर्मा के मुताबिक किसी भी दशा में किसी भी वर्ष की किताबों को रद्दी में नहीं बेचा जा सकता है नियमानुसार केवल उपयोग के लिए दूसरे को दी जा सकती है लेकिन एक शिक्षक के द्वारा कुछ रुपयों के लालच के चलते नवीन शिक्षा सत्र की किताबों को इस तरह बेचे जाना अपराध की श्रेणी में आता है और शीघ्र ही महिदपुर के शिक्षक पर कार्रवाई की जाएगी श्री शर्मा के मुताबिक रद्दी के इस जखीरे में करीब 8 स्कूलों से एकत्रित की गई रद्दी की जानकारी प्रारंभिक जांच में देखने को मिली है।।